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विश्व कप में हार के बाद बिल्कुल टूट गए थे धोनी, किए कई खुलासे

वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद पहली बार टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सामने आए हैं। भारत को दो बार आईसीसी का खिताब दिलाने वाले धोनी ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वह अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से नियंत्रित करना जानते हैं।

धोनी ने कहा, मैं वैसा ही हूं जैसा सब हैं लेकिन मैं अपनी भावनाओं को अच्छी तरह से कंट्रोल करना जानता हूं।’ धोनी ने विपरीत परिस्थितियों से पार पाने के संबंध में कहा, ‘वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में मिली हार के बाद मैं भी उतना ही दुखी था, जितना सब थे। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि इनमें से कोई भी भावना रचनात्मक नहीं है।’

38 वर्षीय धोनी ने कहा कि समस्याओं का जाल बुनने से ज्यादा बेहतर है उनका समाधान ढूंढना। और यह चीज उनके लिए कारगर साबित रहा है। उन्होंने कहा, ‘इन भावनाओं की तुलना में अभी क्या करना चाहिए यह अधिक महत्वपूर्ण है। अगली क्या चीज है जिसकी मैं योजना बना सकता हूं? वह अगला व्यक्ति कौन है जिसका मैं उपयोग कर सकता हूं? एक बार जब मैं यह सोचने लगता हूं तो फिर मैं अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से काबू कर लेता हूं।’

धोनी ने फिर से कहा कि अंतिम परिणाम से महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। अपनी कप्तानी के दौरान वह हमेशा इस बात पर जोर देते रहे थे। उन्होंने कहा, ‘अगर वह टेस्ट मैच है तो आपके पास दो पारियां होती है और आपको अपनी अगली रणनीति तैयार करने के लिए थोड़ा अधिक समय मिलता है। टी-20 में सब कुछ जल्दी-जल्दी होता है तो इसमें अलग तरह की सोच की जरूरत होती है।’

धोनी ने कहा, ‘वह एक खिलाड़ी हो सकता है जिसने गलती की या वह पूरी टीम हो सकती है। यह भी हो सकता है कि प्रारूप चाहे कोई भी हो हमने अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल नहीं किया हो।’

वहीं, धोनी ने 2007 टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेले यादगार ‘बॉल आउट’ को याद करते हुए कहा कि कैसे टीम ने उसके लिए रणनीति बनाई। भारत और पाकिस्तान के बीच वो मैच टाई हो गया था और फिर फैसला बॉल आउट से हुआ, जिसमें भारत ने जीत दर्ज की थी।

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