State News- राज्यउत्तराखंड

अंग्रेजी कानून से बाहर निकलेंगे उत्‍तराखंड के 12 हजार गांव

देहरादून: देश को आजाद हुए सात दशक बीतने को हैं, लेकिन उत्तराखंड के 12 हजार से अधिक गांव अभी अंग्रेजों के बनाए कानून पर चल रहे हैं। राज्य गठन के समय इन गांवों में कानून व्यवस्था संभालने का पटवारियों ने विरोध भी किया था, लेकिन उनकी आवाज दबकर रह गई।अंग्रेजी कानून से बाहर निकलेंगे उत्‍तराखंड के 12 हजार गांव

लिहाजा मौजूदा समय में पर्वतीय जिलों के बड़े भूभाग में राजस्व पुलिस ही कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी ढो रही है, जबकि समय के साथ परिस्थितियों में काफी बदलाव हुआ है। अब हाइकोर्ट के आदेश के बाद इन गांवों के अंग्रेजों के कानून से बाहर निकलने की उम्मीद जग गई है। इस पर सरकार ने भी मंथन भी शुरू कर दिया है।

दरअसल, अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1816 में कुमाऊं के तत्कालीन ब्रिटिश कमिश्नर ने पटवारियों के 16 पद सृजित किए थे। इन्हें पुलिस, राजस्व संग्रह, भू अभिलेख का काम दिया गया था। साल 1874 में पटवारी पद का नोटिफिकेशन हुआ। रजवाड़ा होने की वजह से टिहरी, देहरादून, उत्तरकाशी में पटवारी नहीं रखे गए। साल 1916 में पटवारियों की नियमावली में अंतिम संशोधन हुआ। 1956 में टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून जिले के गांवों में भी पटवारियों को जिम्मेदारी दी गई।

वर्ष 2004 में नियमावली में संशोधन की मांग उठी तो 2008 में कमेटी का गठन किया गया और 2011 में रेवेन्यू पुलिस एक्ट अस्तित्व में आया। मगर गौर करने वाली बात यह कि रेवेन्यू पुलिस एक्ट बना तो दिया गया, लेकिन आज तक कैबिनेट के सामने पेश नहीं किया गया।

अंग्रेजों ने अपनी नीतियों के लिहाज से राजस्व वसूली और कानून व्यवस्था संभालने के लिए दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में पटवारी पद सृजित किए थे। तब से लेकर आज तक पर्वतीय जिलों में इसके मुताबिक काम हो रहा है। इन जिलों में सिविल पुलिस नहीं है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पटवारियों ने ब्रिटिश कमिश्नर की नियमावली में संशोधन की मांग उठाई, मगर उनकी आवाज दबकर रह गई।

जिलेवार पुलिस स्टेशन

जनपद———थानों की संख्या

देहरादून——————20

हरिद्वार—————–16

ऊधमसिंह नगर———12

नैनीताल——————-5

पौड़ी———————-11

अल्मोड़ा——————-7

पिथौरागढ़—————11

चमोली——————–7

रूद्रप्रयाग——————2

उत्तरकाशी—————–5

टिहरी———————–7

बागेश्वर——————–4

चंपावत———————6

कैबिनेट मंत्री एवं प्रवक्ता राज्य सरकार मदन कौशिक का कहना है कि पर्वतीय राज्यों में पुलिस थाने खोलने के संबंध में आए हाइकोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद सरकार इस दिशा में आगे कदम बढ़ाएगी। 

एडीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार का कहना है कि पर्वतीय जिलों में पुलिस थाने खोलने के संबंध में हाइकोर्ट के आदेश को पढऩे के बाद आगे कदम उठाए जाएंगे।

Related Articles

Back to top button