जीवनशैली

अगर आप भी पहली संतान का भाग्य चाहते है उज्वल तो शादी के बाद इन शुभ दिनों में ही करें गर्भधारण

हमारे हिन्दू धर्म में शादी के बंधन को काफी पवित्र बंधन माना जाता है| शादी के इस पवित्र बंधन का ज़िन्दगी को सही ढंग से व्यतीत करने के लिए बेहद ज़रूरी है| शादी का बंधन एक ऐसा बंधन होता है जिसमे दो लोग एक दुसरे के प्रति पूरी तरह से समर्पित होते है इसीलिए कहा जाता है की दो लोगों का मिलन है शादी, शादी का नाम में ही एक खिचाव है. शादी दो लोगों का ही नही दो परिवार का मिलना माना जाता है

हमारे हिन्दू धर्म में  शादी के बंधन को काफी पवित्र  बंधन माना जाता है| शादी के इस पवित्र बंधन का  ज़िन्दगी को सही ढंग से व्यतीत करने  के लिए बेहद ज़रूरी है| शादी का बंधन एक ऐसा बंधन होता है जिसमे दो लोग एक दुसरे के प्रति पूरी तरह से समर्पित होते है इसीलिए कहा जाता है की  दो लोगों का मिलन है शादी, शादी का नाम में ही एक खिचाव है. शादी दो लोगों का ही नही दो परिवार का मिलना माना जाता है    शादी के बाद लुभावना के संतान सुख  शादी के बाद पति और पत्नी के काफी सपने होते है  उन्ही सपनों में से एक जो सबसे बड़ा  अरमान होता है वो होता है  सन्तान का सुख |हर व्यक्त‌ि चाहता है व‌िवाह के बाद उनके घर के आंगन में बच्चों की क‌िलकारी गूंजे। इसके ल‌िए पत‌ि-पत्नी भगवान से प्रार्थना और पूजा-पाठ भी करते हैं। सृष्ट‌ि चक्र को चलाने के ल‌िए और योग्य संतान की इच्छा को पूर्ण करने के ल‌िए शास्‍त्रों और पुराणों में गर्भ धारण के ल‌िए शुभ द‌िन, समय और मुहूर्त का ज‌िक्र क‌िया गया है। पुराणों के अनुसार अगर व्यक्त‌ि इन बातों का ध्यान रखें तो उन्हें गुणवान, योग्य और दीर्घायु संतान की प्राप्त‌ि हो सकती है       आने वाली संतान का भाग्य  अपने बच्चे के लिए वह कैसे ज़रूरते पूरी करेंगे और इसी सोच में अच्छा वक़्त निकाल देतें है. बोला जाता है कि बच्चे  के जन्म के बाद उसका भाग्य भी तह करता है. कई बार संतान सुख के बाद आपका शादीशुदा जीवन में काफी परेशनी आने लगती है ये इसलिए होता है क्योकि बच्चे के बाद उसका भाग्य भी जुड़ जाता है, बच्चे का भाग्य अच्छा ना होने की वजह से ऐसा होता है अगर आप अपनी संतान के लिए अच्छा भाग्य चाहते है, तो संभोग के लिए इस दिन का समय रहता है ठीक       जाने गर्भधारण के लिए शुभ दिन नहीं है हिन्दू धर्म के मान्यता के अनुसार ऐसा   माना जाता है कि आत्मा कभी नहीं मरती, वह बस अपना शरीर बदलती है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि जिस क्षण आत्मा गर्भ में प्रवेश करती है, उसी क्षण, उसी समय से उस आत्मा की जीवन यात्रा शुरू हो जाती है|  यही वजह है कि हिन्दू धर्म में गर्भाधान की प्रक्रिया पूरी तरह धार्मिक रूप में अपनाई जाती है। इतना ही नहीं स्त्री के गर्भ में प्रवेश करने जा रही आत्मा शुभ हो, पवित्र हो और पूरी तरह सकारात्मक हो, इसके लिए शुभ मुहूर्त को देखा जाता है।  1.गर्भधारण के लिए मंगलवार का दिन शुभ नही माना जाता है क्योंकि शास्त्रों के हिसाब से इस दिन क्रूर गृह होता है मंगलवार.    2. शनिवार का दिन भी बुरा मन जाता है गर्भधारण के लिए इस दिन स्वामी गृह शनि, आने वाली संतान को निराशावादी या शारीरिक दोष हो सकता है.  3.शास्‍त्रों के अनुसार अष्टम रात्र‌ि यानी ऋतुकाल से आठवीं रात गर्भधारण के ल‌िए अच्छा रहता है इससे उत्तम और योग्य संतान की प्राप्त‌ि होती है।त‌िथ‌ियों की बात करें तो अष्टमी, दशमी और बारहवी त‌िथ‌ि शुभ होती है।  4.  ज्योतिष के अनुसार सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार दिन में गर्भधारण  के लिए सबसे अधिक  शुभ होता है|इस दिन गर्भधारण करने से सन्तान का भाग्य उज्ज्वल होता है    इन सबके अलावा  सबसे जरुरी बात को पुराणों में कही गई है वह यह है क‌ि व्यक्त‌ि की सोच सकारात्मक होनी चाह‌िए और मन में अच्छी भावना होनी चाह‌िए। क्योंक‌ि जैसी भावना होती है वैसा गुण संतान में आ जाता है।शादी के बाद लुभावना के संतान सुख

शादी के बाद पति और पत्नी के काफी सपने होते है उन्ही सपनों में से एक जो सबसे बड़ा अरमान होता है वो होता है सन्तान का सुख |हर व्यक्त‌ि चाहता है व‌िवाह के बाद उनके घर के आंगन में बच्चों की क‌िलकारी गूंजे। इसके ल‌िए पत‌ि-पत्नी भगवान से प्रार्थना और पूजा-पाठ भी करते हैं। सृष्ट‌ि चक्र को चलाने के ल‌िए और योग्य संतान की इच्छा को पूर्ण करने के ल‌िए शास्‍त्रों और पुराणों में गर्भ धारण के ल‌िए शुभ द‌िन, समय और मुहूर्त का ज‌िक्र क‌िया गया है। पुराणों के अनुसार अगर व्यक्त‌ि इन बातों का ध्यान रखें तो उन्हें गुणवान, योग्य और दीर्घायु संतान की प्राप्त‌ि हो सकती है

आने वाली संतान का भाग्य

अपने बच्चे के लिए वह कैसे ज़रूरते पूरी करेंगे और इसी सोच में अच्छा वक़्त निकाल देतें है. बोला जाता है कि बच्चे के जन्म के बाद उसका भाग्य भी तह करता है. कई बार संतान सुख के बाद आपका शादीशुदा जीवन में काफी परेशनी आने लगती है ये इसलिए होता है क्योकि बच्चे के बाद उसका भाग्य भी जुड़ जाता है, बच्चे का भाग्य अच्छा ना होने की वजह से ऐसा होता है अगर आप अपनी संतान के लिए अच्छा भाग्य चाहते है, तो संभोग के लिए इस दिन का समय  ठीक रहता है.

जाने गर्भधारण के लिए शुभ दिन नहीं है

हिन्दू धर्म के मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि आत्मा कभी नहीं मरती, वह बस अपना शरीर बदलती है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि जिस क्षण आत्मा गर्भ में प्रवेश करती है, उसी क्षण, उसी समय से उस आत्मा की जीवन यात्रा शुरू हो जाती है|

यही वजह है कि हिन्दू धर्म में गर्भाधान की प्रक्रिया पूरी तरह धार्मिक रूप में अपनाई जाती है। इतना ही नहीं स्त्री के गर्भ में प्रवेश करने जा रही आत्मा शुभ हो, पवित्र हो और पूरी तरह सकारात्मक हो, इसके लिए शुभ मुहूर्त को देखा जाता है।

1.गर्भधारण के लिए मंगलवार का दिन शुभ नही माना जाता है क्योंकि शास्त्रों के हिसाब से इस दिन क्रूर गृह होता है मंगलवार.

2. शनिवार का दिन भी बुरा मन जाता है गर्भधारण के लिए इस दिन स्वामी गृह शनि, आने वाली संतान को निराशावादी या शारीरिक दोष हो सकता है.

3.शास्‍त्रों के अनुसार अष्टम रात्र‌ि यानी ऋतुकाल से आठवीं रात गर्भधारण के ल‌िए अच्छा रहता है इससे उत्तम और योग्य संतान की प्राप्त‌ि होती है।त‌िथ‌ियों की बात करें तो अष्टमी, दशमी और बारहवी त‌िथ‌ि शुभ होती है।

4. ज्योतिष के अनुसार सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार दिन में गर्भधारण के लिए सबसे अधिक शुभ होता है|इस दिन गर्भधारण करने से सन्तान का भाग्य उज्ज्वल होता है

इन सबके अलावा सबसे जरुरी बात को पुराणों में कही गई है वह यह है क‌ि व्यक्त‌ि की सोच सकारात्मक होनी चाह‌िए और मन में अच्छी भावना होनी चाह‌िए। क्योंक‌ि जैसी भावना होती है वैसा गुण संतान में आ जाता है।

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