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अचानक शादी के दिन होने लगे बारिश, तो भगवान देतें है ये संकेत…

भारतीय संस्कृति में शादी विवाह को एक त्यौहार की तरह माना जाता है जिसकी तैयारियां कई महीनों से शुरु हो जाती है और शादी के बन्धन को जितना महत्व दिया जाता है उतना ही इसके आयोजन को भी। शादी को लेकर सभी लोग बहुत ही एक्ससिटेड रहते है दुल्हा दुल्हन के घर वालों से लेकर नाते रिश्तेदार इसकी तैयारियों में जुटे रहते हैं। हर कोई किसी न किसी तरह की तैयारी कर रहा होता है। सभी की यही कोशिश करते है बिना किसी तरह की परेशानी के ये शादी का आयोजन अच्छे से निपट जाए, ऐसे में लोगों के मन में कही ना कहीं ये भी आशंका बनी रहती है कि उस दिन बारिश हो गई तो फिर क्या होगा|

अचानक शादी के दिन होने लगे बारिश, तो भगवान देतें है ये संकेत...अगर किसी की शादी में अचानक बारिश आ जाये तो यह घरातियों और बरातियों दोनों के लिये आफत की तरह होती है. सारी तैयारियां धरी की धरी रह जाती हैं. ऐसी स्थिती में कई लोग इसे अपशगुन माना जाता है. लोगों शादी मेंन बारिश आने को हमारे यहां अंधविश्वास मानते हैं. लोग अक्सर ये मनाते हैं कि मेरी शादी में बारिश ना आये. लेकिन, आज हम आपको बताएंगे कि शादी में बारिश आने का क्या मतलब होता है. आज हम  अपने इस पोस्ट के माध्यम से आपके हर सवाल का जवाब दे देंगे..

जिस प्रकार बारिश होना पृथ्वी के लिए अच्छा होता है। वैसे ही ये आयोजन के लिए भी फलदायी है और साथ साथ अच्छे भाग्य का प्रतीक होता है। बारिश होने का मतलब है कि जिस तरह बारिश धरती से सूखे को खत्म कर देती है और बंजर ज़मीन को भी फिर से हरा भरा कर देती है ठीक उसी प्रकार शादी के उत्सव में ये बारिश की बूंद ईश्वर के आर्शीवाद के रूप में बरसती है जो कि शादी की सफलता का प्रतीक है और ये प्रकृति और ईश्वर की तरफ से दूल्हा दुल्हन दोनो को मिला शुभ शगुन होता है।

शादी के दिन वर्षा होने को वर-वधु के आने वाले दाम्पत्य जीवन से भी जोड़ा जाता है। यह वर्षा उनके वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाती है और साथ ही संतान योग भी सुखमय बनाती है।कई लोगों ने यह दावा किया है कि उनकी शादी के दिन वर्षा होने से उन्हें जल्द से जल्द संतान का सुख प्राप्त हुआ है। दरअसल एक मान्यतानुसार शादी के दिन वर्षा होने जैसी स्थिति को ‘प्रजनन’ से जोड़ा जाता है। जिस वर-वधु की शादी के दिन वर्षा हो जाए, इसका अर्थ है कि उन्हें संतान का सुख जल्द से जल्द प्राप्त होगा। इसके अलावा वर्षा को सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक माना जाता है।

यह वर्षा वर-वधु के जीवन में खुशहाली और गुड लक लाती है। अपनी बारिश की बूंदों से यह दोनों के जीवन में आने वाले संकट को बहा ले जाती है। किसी भी प्रकार का बैड लक उनके दाम्पत्य जीवन को छू ना सके, इस बात का ख्याल रखती है।हिन्दू संस्कृति में शादी के दिन होने वाली वर्षा को ‘रिश्तों की मजबूती’ से भी जोड़ा जाता है।

कहते हैं शादी के दिन वर्षा का पानी जब वर-वधु को एक साथ बांधने वाली ‘कन्यादान की गांठ’ पर पड़ता है तो वह उसे मजबूत बना देता है।और यही गांठ दोनों के रिश्ते की गहरी मजबूती को दर्शाती है। इससे यह साबित होता है कि उनका आने वाला दाम्पत्य जीवन अटूट है।

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