अजब-गजब

अब डॉक्टर से पहले कुत्ते लगाएंगे मलेरिया का पता, जानिए कैसे…

ब्रिटेन और गाम्बिया के वैज्ञानिकों का कहना है कि पहली बार उन्होंने एक ऐसा तरीका खोजा है जिससे कुत्ते मलेरिया जैसी बीमारी का पता लगाने में मदद कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि कुत्तों को संक्रमित व्यक्ति के कपड़े सूंघकर मलेरिया का पता लगाने के लिए ट्रेन किया जा रहा है। दरअसल, ब्रिटेन की डरहम यूनिवर्सिटी ने कुछ कुत्तों को मलेरिया डिटेक्ट करने की ट्रेनिंग दी है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जानवरों की मदद मलेरिया जैसी बीमारी को रोकने और उसके निवारण में ली जा सकती है। हालांकि ये शोध भी अभी अपने शुरूआती चरण में है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसके परिणाम से बीमरियों का पता लगाने के लिए नये तरीके सामने आयेंगे। अध्ययन में ये बताया जा चुका है कि जब किसी व्यक्ति को मलेरिया होता है तो उसके शरीर की गंध थोड़ी अलग हो जाती है। ऐसे में कुत्तों की मदद से व्यक्ति के शरीर में मौजूद मलेरिया की पहचान की जा सकती है।
अब डॉक्टर से पहले कुत्ते लगाएंगे मलेरिया का पता, जानिए कैसे...
दुर्गंधित जुराब
पश्चिमी अफ्रीकी देश गाम्बिया के एक इलाके में बच्चों ने पूरी रात जुराबें पहने रखीं फिर इन जुराबों को ब्रिटेन भेज दिया गया। भेजे गए 175 जोड़ों में से 30 बच्चों की जुराबों में परजीवियों से संक्रमण पाया गया। दुर्गंधित जुराबों को इंग्लैंड के मिल्टन कींज़ शहर में मौजूद मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स चैरिटी पहुंचाया गया। कुत्तों के पास सूंघने का काफ़ी ताकतवर सेंस होती है। ये कुत्ते पहले से ही केंसर और पार्किंसंस जैसी बीमारी के शुरुआती लक्षण पहचनाने के लिए प्रशिक्षित हैं।

अमरीका सोसायटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन के वार्षिकी सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए परिणाम में पता चला कि ये कुत्ते मलेरिया की भी पहचान कर सकते हैं। इन कुत्तों ने 10 में से सात संक्रमित सैंपलों में मलेरिया होने की सही पहचान की लेकिन 10 स्वस्थ बच्चों में से एक को मलेरिया बताने पर वे गलत भी साबित हुए। इस शोध का नेतृत्व करने वाले डरहम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीव लिंड्से ने बताया कि वे परिणाम से सच में उत्साहित थे, लेकिन नियमित रूप से इस्तेमाल करने के लिए ये कुत्ते अभी पूरी तरह से तैयार नहीं थे।

शोधकर्ताओं को अभी कुत्तों को और प्रशिक्षित करने और जुराब की जगह उनकी जांच इंसानों पर करवाये जाने की जरूरत है। इसके अलावा इसकी भी जांच करनी चाहिए कि ये कुत्ते मलेरिया के और भी प्रकार सूंघ सकते हैं या नहीं।

 
विज्ञान से भी तेज
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन और ट्रॉपिकल मेडिसिन से डॉक्टर शेल्सी स्कॉयर्स ने बीबीसी को बताया कि कुत्तों की सूंघने की क्षमता प्राकृतिक होती है। शेल्सी ने कहा कि ये कुत्ते डायग्नोस्टिक टेस्ट से भी काफी तेज काम करते हैं। क्योंकि टेस्ट में कम से कम 20 मिनट का समय लग जाता है और टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित या अनुभवी लोगों और नये-नये उपकरणों की आवश्यकता होती है।

Related Articles

Back to top button