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अब नागरिकता संशोधन कानून पर साधु-संत कथा के माध्यम से फैलाएंगे जागरूकता

नई दिल्ली : सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) पर हो रहे विरोध और इस मुद्दे पर लामबंद होते विपक्ष को जवाब देने के लिए भारतीय जनता पार्टी देश में जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन अब पार्टी ने इस बाबत जवाब देने के लिए नई रणनीति अपनाई है। नई योजना के अनुसार, अब भाजपा साधु-संतों की शरण में पहुंच गई है और ऐसा करने के लिए इसने विश्व हिंदू परिषद का सहारा लिया। इससे पहले जनता को सीएए के मुद्दे पर सरकार के पक्ष में करने का जिम्मा पार्टी ने अपने पूर्व सांसद महेश गिरी को सौंपा था, लेकिन आशा के अनुरूप कार्य नहीं होने के चलते अब यह संघ की शरण में पहुंची है। विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने यह जानकारी दी। संघ ने विहिप को संतों-महंतों व कथावाचकों को लामबंद करने की जिम्मेदारी सौंपी है, लिहाजा विहिप अब इस अभियान को पूरे जोर शोर से चला रही है। अभियान के बारे में जानकारी देते हुए विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली प्रांत के कार्याध्यक्ष वागीश इस्सर ने कहा कि साधु-संत हमेशा से मार्गदर्शन का काम करते रहे हैं। उनके अनन्य भक्त होते हैं, जो उनकी बातों पर भरोसा करते हैं। अगर वे अपने मुखारबिंद से बोलेंगे, तो इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।”

इस्सर ने दावा किया कि कुछ संतो ने अपने प्रतिदिन होने वाले प्रवचन में इस मुद्दे पर बोलना शुरू भी कर दिया है। गौरतलब है कि सीएए को समझाने के लिए विहिप ‘आइए जानें सीएए’ नाम से दो पेजों का पंपलेट छपवा चुका है। इसमें नागरिकता कानून के बारे में इतिहास के साथ जानकारी दी गई है। साथ ही आंकड़ों के माध्यम से यह भी बताने की कोशिश की गई है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में किस तरह हिंदू और दूसरे धर्म के लोग कम हो गए।

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