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अभी-अभी: अमेरिकी मध्यावधि चुनाव ने ट्रंप को दिया बड़ा झटका, निचले सदन में डेमोक्रेट्स को बहुमत

अमेरिका में हुए मध्यावधि चुनावों के परिणामों से मंगलवार को यह तस्वीर साफ होने लगी है कि अब डेमोक्रेटिक पार्टी का कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधिसभा में नियंत्रण हो जायेगा। इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को करारा झटका माना जा रहा है। हालांकि उनकी रिपब्लिकन पार्टी का उच्च सदन सीनेट में नियंत्रण बना रह सकता है।

अभी-अभी: अमेरिकी मध्यावधि चुनाव ने ट्रंप को दिया बड़ा झटका, निचले सदन में डेमोक्रेट्स को बहुमतइन परिणामों से वाशिंगटन में शक्ति संतुलन बदल जाने की आशा है। साल 2016 में हुये चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी का कांग्रेस के दोनों सदनों में बहुमत था पर अब मध्यावधि चुनावों के परिणाम से राष्ट्रपति ट्रम्प को शासन चलाने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है। हालांकि देश भर में मतगणना अभी जारी है और कुछ राज्यों में मतदान चल भी रहा है।

कोलारेडो में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जेरेड पोलिस ने जीत हासिल की है। वह पहले समलैंगिक अमेरिकी गवर्नर हैं। वहीं अमेरिकी कांग्रेस की पहली दो मुस्लिम महिलाएं राशिदा तलैब और इल्हान ओमर को चुना गया है। रिपब्लिकन उम्मीदवार टेड क्रूज को टेक्सास से दोबारा सीनेटर चुना गया है। डेमोक्रेट्स ने अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेंजेटिटव का नियंत्रण फिर से वापस ले लिया है।

27 साल की साफिया वजीर ने रिपलब्लिकन के डेनिल सोसी को हराकर न्यू हैंपशायर सीट से जीत हासिल की है। वह दो बच्चों की मां हैं और उनका परिवार तालिबान में हुए उत्पीड़न के बाद अफगानिस्तान आ गया था। डेमोक्रेट को हाउस की 23 सीटें मिली हैं। जिससे कि उन्हें जरूरत के लिए आवश्यक 218 सीटें मिल गई हैं।

बता दें कि इन चुनावों के नतीजे इसलिए भी काफी अहम हैं क्योंकि इनमें ट्रंप के पिछले दो साल के कामकाज का परीक्षण परिणामों के रूप में निकलेगा। दो साल पहले आम चुनाव में जीत हासिल करने वाले ट्रंप यदि अमेरिकी कांग्रेस के लिए होने वाले मध्यावधि चुनाव को हार जाते हैं तो यह उनके लिए एक बड़ा झटका होगा। ओपिनियन पोल के मुताबिक इन चुनाव में डेमोक्रेटों को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। जबकि मंगलवार को भारी मतदान शुरू हुआ।

अमेरिका में आम चुनाव हर चार साल में होते हैं।  लेकिन राष्ट्रपति के चार साल के कार्यकाल के बीच में होने वाले इन चुनावों को मध्यावधि कहा जाता है। मंगलवार को शुरू हुए मतदान में सीनेट यानी अमेरिकी संसद के उच्च सदन की 100 में से 35 सीटों और प्रतिनिधि सभा यानी निचले सदन की सभी 435 सीटों के लिए सांसद चुने जाने हैं। इनमें 35 राज्यों के गवर्नर चुने जाएंगे। ओपिनियन पोल के संकेत बताते हैं कि इस मतदान में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी की तरफ मतदाताओं का रुझान बहुत अधिक न होकर विपक्षी डेमोक्रेटों की तरफ है। वैसे भी पिछले 84 साल में रिपब्लिकन पार्टी ने यह चुनाव सिर्फ तीन बार ही जीता है।

यदि ओपिनियन पोल के नतीजे सही साबित हुए और डेमोक्रेटिक जीते तो ट्रंप के लिए हालात बहुत असहज हो सकते हैं। अगर एक पार्टी के पास सीनेट में और दूसरे के पास प्रतिनिधि सभा में बहुमत रहा तो दोनों के बीच स्थिति टकराव भरी होगी और अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए व्हाइट हाउस में एकतरफा काम करना आसान नहीं रह जाएगा। आज होने वाले मतदान में आव्रजन, स्वास्थ्य देखभाल, रोजगार समेत कई मुद्दे ट्रंप के आगे के कार्यकाल की दिशा तय करेंगे। ओपिनियन पोल से उत्साहित डेमोक्रेटों को उम्मीद है कि ट्रंप से नाखुश मतदाता उसके पक्ष में मतदान करेंगे।

रूस की फर्जी खबरों को लेकर चौकन्ना रहने की सलाह
अमेरिका के गृह सुरक्षा मंत्री कर्स्टजेन नीलसन समेत अटॉर्नी जनरल, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक और एफबीआई निदेशक ने एक संयुक्त बयान में कहा कि मतदान वाले दिन उनके पास चुनावी ढांचे को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों के कोई संकेत नहीं हैं, लेकिन अमेरिकियों को रूस के फर्जी खबर फैलाने के प्रयासों को लेकर चौकन्ना रहना चाहिए। यह घोषणा उस नए अध्ययन के तहत की गई जिसमें पाया गया था कि सोशल मीडिया पर इस बार गलत सूचनाएं, 2016 के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान प्रसारित की गई सूचनाओं से ज्यादा तेजी से फैल रही हैं।

फेसबुक-इंस्टाग्राम ने बंद किए 115 खाते
फेसबुक ने कहा कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर करीब 30 खाते ब्लॉक कर दिए जबकि तस्वीरें साझा करने वाली साइट इंस्टाग्राम पर 85 खातों को बंद किया है। अमेरिका में मध्यावधि चुनाव में दखल की आशंका और उनके तार विदेशी संस्थाओं से जुड़े होने की चिंताओं के चलते इन 115 खातों को बंद किया गया है। फेसबुक के मुताबिक, ‘रविवार शाम को अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसी ने हमसे उस ऑनलाइन गतिविधि के बारे में संपर्क किया जिसके बारे में हाल ही में पता चला था और जो उन्हें लगता है कि विदेशी संस्थाओं से जुड़ी हो सकती है।’

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