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अभी-अभी: बड़ा खुलासा, एक्सपर्ट का दावा- 2014 आम चुनाव में हुई धांधली

ट्रांसमीटर के जरिए ईवीएम हैकिंग का दावा अब तूल पकड़ता जा रहा है। भारतीय मूल के अमेरिकी टेक एक्सपर्ट सैय्यद सहूजा ने ईवीएम हैक करने का दावा किया है। हैकर ने दावा किया है कि 2014 के चुनावों में हैकिंग के लिए भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे ने संपर्क किया था। यही नहीं हैकर ने कहा कि बाद में यही वजह मुंडे की मौत का करण भी बनी।

अभी-अभी: बड़ा खुलासा, एक्सपर्ट का दावा- 2014 आम चुनाव में हुई धांधली

हैकर सैय्यज सहूजा ने लंदन में प्रेस कांफ्रेंस करके यह सभी जानकारी दी। इस दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी लंदन में ही मौजूद थे। इसके चलते अब लोग सवाल कर रहे हैं कि इस प्रेस कांफ्रेंस में कपिल सिब्बल क्यों थे?
हैकर ने यह भी दावा किया है कि 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भी उसने आम आदमी पार्टी के पक्ष में ईवीएम को हैक कर विजय दलाई थी। हैकर ने कहा कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। हैक कैसी होगी? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ट्रांसमीटर के जरिए हैक किया जा सकता है। इस कार्यक्रम का आयोजन इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (यूरोप) ने किया था। इस दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी मौजूद रहे। हैकर ने कहा उसकी 14 लोगों की टीम है। इस टीम के द्वारा ही ईवीएम को हैक किया गया है।

हैकर ने कहा कि हैकिंग को लेकर हमला भी हो चुका है। इसीलिए उसने अमेरिका में शरण ले रखी है। हैकर ने दावा किया है कि वह ईवीएम बनाने वाली टीम का हिस्सा रह चुका है। इसलिए वह हैकर करने का तरीका जानता है।

विपक्ष हुआ एकजुट, बनाई समिति

बता दें कि विपक्ष की एकता दिखाने के लिए यहां एकत्रित हुए विपक्षी दलों ने चुनाव सुधारों पर चार सदस्यीय समिति का शनिवार को गठन किया। इन दलों ने सत्तारूढ़ भाजपा पर ईवीएम से छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि ईवीएम की कार्यप्रणाली के मूल्यांकन और किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के उपाय ढूंढने के अलावा यह समिति लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग को चुनाव सुधारों के बारे में भी सुझाव देगी। तृणमूल कांग्रेस द्वारा यहां आयोजित संयुक्त विपक्ष की रैली में शामिल 14 राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं के लिये चाय पार्टी की मेजबानी करने के बाद उन्होंने यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि समिति में अभिषेक मनु सिंघवी (कांग्रेस), अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी), सतीश चंद्र मिश्रा (बहुजन समाज पार्टी) और अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी) क्रियान्वयन के लिये अपनी अनुशंसा चुनाव आयोग को देंगे और वीवीपीएटी के व्यापक इस्तेमाल के लिये दबाव बनाएंगे।

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