BREAKING NEWSNational News - राष्ट्रीयTOP NEWSफीचर्ड

अभी-अभी: बड़ा खुलासा, कांग्रेस के इस बड़े नेता को किडनैप करना चाहते थे जैश के आतंकी

आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद (JeM) की नापाक हरकत के कारण ही पुलवामा आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए. हालांकि, ऐसा पहली बार नही हैं JeM ने भारत पर हमला किया हो, इससे पहले भी ये संगठन बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुका है. साथ ही भारत के नेताओं के अपहरण की प्लानिंग कर चुका है.

सबसे पहले आपको बता दें कि इस संगठन की स्थापना साल 2000 में मसूद अजहर ने की थी. ये वही मसूद अजहर है, जिसे 24 दिसंबर 1999 में हुए कंधार विमान अपहरण के दौरान रिहा कर दिया गया था. वाजपेयी सरकार की तमाम कोशिशों के बाद यात्रियों से भरे आईसी-814 विमान को सकुशल मुक्त कराने के लिए तीन कुख्यात आतंकियों को रिहा करना पड़ा था. इन तीन आतंकियों में मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर शामिल थे.

क्या है जैश-ए-मोहम्मद का मकसद: इस आतंकी संगठन का मकसद कश्मीर में हिंसा पैदा करना, भारत में आतंकवादी हमले को अंजाम देना है.

कब आया जैश-ए-मोहम्मद का नाम चर्चा में: साल 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले से इस संगठन का नाम चर्चा में आया था. 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर जैश के आतंकियों ने ही हमला किया था. इस वक्त एक सफेद एंबेसडर कार में 5 आतंकवादी आए थे, जिन्होंने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी करके पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया था. इस हमले में दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे. इस हमले के दोषी अफजल गुरु और जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट्ट की फांसी दे गई थी.

दूसरा हमला:- 24 सितंबर 2002 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकवादियों ने मिलकर गुजरात के गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर में हमला किया था.

तीसरा हमाला- 29 अक्टूबर 2005 को जैश और लश्कर के आतंकियों ने मिलकर दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट किया था.

चौथा हमला- 2 जनवरी 2016 को तड़के सुबह 3:30 बजे पंजाब के पठानकोट में पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर भारी मात्रा में असलहा बारूद से लैस आतंकियों ने आक्रमण किया था. आतंकियों से मुठभेड़ में 7 जवान शहीद हो गए थे और 37 लोग घायल हो गए थे. इस हमले में भी जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था. आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद ने साल 2008 में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को अपहरण करने की धमकी दी थी.

राहुल गांधी का अपहरण: साल 2007 में 12 साल पहले जब लखनऊ में 3 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया तब खुलासा किया गया था कि राहुल गांधी इन आतंकवादियों का निशाना थे. ये आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के थे. पूछताछ के दौरान मालूम चला था कि ये आतंकवादी राहुल गांधी के अपहरण करने की योजना बना रहे थे.

अब तक सबसे बड़ा आतंकी हमला: 14 फरवरी 2019 को जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन ने भारत पर सबसे बड़ा आंतकी हमला किया. जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. इससे पहले देश उरी, अमरनाथ और गुरुदासपुर में हुए आतंकी हमलों से गुजर चुका है. बता दें, आतंकियों ने सेना के काफिले के पास आईईडी धमाका किया था. इस घटना को अंजाम जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहम डार ने दिया था, जिसने पुलवामा जिले के लेथपोरा गांव से गुजर रही सीआरपीएफ जवानों की बस में विस्फोटक से भरी अपनी गाड़ी घुसा दी थी. इस घटना में आदिल की भी मौत हो गई.

Related Articles

Back to top button