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अमृतसर रेल हादसा में मरने से पहले पिता ने 10 माह की बच्ची को ऐसे दी नई जिंदगी

दशहरे के दिन अमृतसर के जौड़ा रेल फाटक के पास हुए दर्दनाक हादसे में 59 लोगों की जान चली गई। हादसे के तीन दिन बीत जाने के बाद अभी कई दर्दनाक पल लोगों के सामने आ रहे हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने मौत को एकदम करीब से देखा है।
हालांकि उनकी जान बच गई। 10 महीने की एक बच्ची ने ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोई’ उक्ति को साबित कर दिखाया है। घटना वाले दिन बच्ची अपने माता-पिता के साथ थी। उनकी गोद में वो दशहरा देख रही थी। पास में खड़ी एक दूसरी महिला को देखकर बच्ची बार-बार हंस भी रही थी। रावण दहन के दौरान ट्रेन वहां से तेज रफ्तार में गुजरी और पिता उसकी चपेट में आ गया। जोरदार टक्कर लगने के बाद बच्ची उछल कर पास में खड़ी महिला की गोद में जा गिरी। वहीं बच्ची की मां लापता हो गई और पिता की मौत हो गई। पुलिस बच्ची के परिजनों की तलाश कर रही है।
पुलिस ने बताया कि अस्पताल में एक महिला गंभीर रूप से घायल है। उसके होश में आने की उम्मीद की जा रही है। उसके बाद ही यह पता चल पाएगा कि बच्ची की मां वो है या कोई और। बच्ची को पाने वाली महिला संगीता ने बताया कि बच्ची की मां को जोरदार टक्कर लगी है। हालांकि भगदड़ की वजह से उसका कुछ पता नहीं चल पाया है। संगीता ने बच्ची को प्रशासन के हवाले कर दिया है। जहां प्रशासन अब परिजनों की तलाश में जुटा है।

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