लखनऊ

अवैध रूप से संचालित विद्यालय बन्द


लखनऊ : सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत बिजनौर निवासी श्री कुलवन्त सिंह ने खण्ड शिक्षा अधिकारी, विकास क्षेत्र अफजलगढ़, बिजनौर कोे प्रार्थना-पत्र देकर शिकायत की थी कि विकास खण्ड अफजलगढ़ के ग्रामों में अवैध रूप से लगातार बिना मान्यता के दर्जनों स्कूल चल रहे है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के अनुसार कोई भी विद्यालय बिना मान्यता के नहीं चलाया जा सकता, जिसकी शिकायत लगातार की गयी, जबकि क्षेत्र में कुछ विद्यालयों की मान्यता कक्षा-5 (पांच) तक है, लेकिन कक्षायें 12 (कक्षा-बारह) तक लगती है। इस सम्बन्ध में प्रार्थी को निम्न विद्यालयों (श्री गुरूनानक इण्टर कालेज, मधपुरी अफजलगढ़, बिजनौर, हेमपाल सिंह इण्टर कालेज चम्पतपुर चकला अफजलगढ़, बिजनौर, रामशरण एण्ड रिंकू इण्टर कालेज चम्पतपुर चकला अफजलगढ़, बिजनौर, लोकेन्द्र जू. हा. स्कूल सहारावाला, अफजलगढ़, बिजनौर, दशमेश पब्लिक इण्टर कालेज भेगपुर, कोतवाली, बिजनौर) की जानकारी दी जाये कि उनको किस कक्षाओं तक मान्यता दी है, यदि वे अवैध रूप से मान्यता के विरूद्ध उच्च कक्षाएं संचालित कर रहे है, तो उनके विरूद्ध नियमानुसार क्या कार्यवाही की गयी है, आदि की सूचनाएं विभाग से मांगी थी, परन्तु विभाग द्वारा वादी को इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं दी गयी, अधिनियम के तहत सूचनाएं प्राप्त न होने पर वादी ने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर प्रकरण की जानकारी चाही है।

राज्य सूचना आयुक्त  हाफिज उस्मान ने खण्ड शिक्षा अधिकारी, विकास क्षेत्र अफजलगढ़, बिजनौर को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की सभी सूचनाएं अगले 30 दिन के अन्दर अनिवार्य रूप से वादी को उपलब्ध कराते हुए, आयोग को अवगत कराये, अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये। खण्ड शिक्षा अधिकारी, अफजलगढ़, बिजनौर से श्री सुरेन्द्र सिंह उपस्थित हुए। उनके द्वारा प्रस्तुत आख्या में सभी विद्यालयों की जांच करायी गयी, जिसमें से श्री गुरूनानक इण्टर कालेज, मधपुरी अफजलगढ़, बिजनौर, दशमेश पब्लिक इण्टर कालेज भोगपुर, कोतवाली, बिजनौर के विद्यालयों को कक्षा 1 से 5 तक की मान्यता प्रदान की गयी, जबकि जांच के समय श्री गुरूनानक इण्टर कालेज में कक्षा 9 तक तथा दशमेश पब्लिक इण्टर कालेज में कक्षा 11 तक के छात्र/छात्राओं की कक्षाएं संचालित पायी गयी, तथा हेमपाल सिंह इण्टर कालेज चम्पतपुर चकला अफजलगढ़, बिजनौर, रामशरण एण्ड रिंकू इण्टर कालेज चम्पतपुर चकला अफजलगढ़, बिजनौर, स्व आशा राम इण्टर कालेज मोगपुर बिजनौर नाम से कोई विद्यालय वर्तमान में संचालित नहीं है। इस सम्बन्ध में कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था बिना मान्यता के विद्यालय/कक्षायें संचालित करता है, तो ऐसी दशा में उन्हें रू. 1,00,000 (रू. एक लाख) तक का जुर्माना देना होगा तथा मान्यता के प्रावधानों का उल्लघंन जारी रखने पर रू0 10,000 (रू. दस हजार) प्रतिदिन का जुर्माना किया जा सकता है। बिना मान्यता के विद्यालयों में कक्षा-6 से 9 या 11 तक की कक्षायें अवैधानिक रूप से संचालित कर छात्रों एवं उसके अभिभावकों को धोखा दे रहे हैं, और अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे है, विभाग के मान्यता नियमों का उल्लघंन कर रहे है।

वादी का कथन यह है कि स्व आशा राम इण्टर कालेज मोगपुर बिजनौर एवं दशमेश पब्लिक इण्टर कालेज भोगपुर, कोतवाली, बिजनौर में अमान्य विद्यालय संचालित है, सम्बन्धित मामले में विद्यालयों को नोटिस जारी हुई जिसकी मान्यता कक्षा 5 तक है, परन्तु विद्यालयों द्वारा अमान्य कक्षाएं संचालित कर रखी है, इस मामले में मुझे जानबूझकर पूर्णरूप से सूचनाएं नहीं दी जा रही है, और मुझे लगातार परेशान किया जा रहा है, इस आशय की जानकारी वादी ने आयोग को दी है। इसलिए महोदय से अनुरोध है कि इस प्रकरण में जांच करा दी जाये, जबकि इस सम्बन्ध में प्रतिवादी का कथन है कि स्व आशा राम इण्टर कालेज मोगपुर नाम बिजनौर से कोई विद्यालय संचालित नहीं है।
वादी/प्रतिवादी दोनों की बहस सुनी गयी आयोग यह समझता है कि इस पूरे मामले में पुनः जांच कराया जाना न्यायहित में है, चूंकि प्रकरण जानहित एवं भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है, इसलिए आयोग ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 18 (2) के तहत प्रकरण में जांच आरम्भ कर दी है। अतः जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर को इस आशय से आदेशित किया जाता है कि सम्बन्धित मामले में वादी/प्रतिवादी एवं सम्बन्धित पक्ष के बयान कलमबन्द करते हुए, जांच से सम्बन्धित सभी अभिलेख (आख्या) अगले 30 के अन्दर आयोग के समक्ष पेश करें, जिससे अन्तिम निर्णय लिया जा सके।

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