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अवैध संबंध बताकर पत्नी को घर से निकाला

रायपुर: धमतरी की नामी कारोबारी घराने से ताल्लुक रखने वाली सविता खंडेलवाल रायपुर में महिला आयोग के सामने धरने पर बैठी है। सविता ने आरोप लगाया है उनके पति ने पुलि अफसरों के साथ अवैध संबंध बताकर उसे लगातार बदनाम कर रहे हैं और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया है। महिला आयोग के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठी सविता ने कहा है कि पहले तो उसके पति और ससुरालवालों ने उसका नाम दीपांशु काबरा से जोड़ दिया, और बाद में अब आईजी हिमांशु गुप्ता से अवैध संबंध बताकर उसे जायदार से बाहर कर दिया गया। सविता का आरोप है कि पति ने उन्हें घर ये कहकर निकाल दिया हैज्कि उसके अवैध संबंध हिमांशु गुप्ता के साथ हैं। यही नहीं तस्वीर और अन्य माध्यमों से भी उसे लगातार बदनाम किया जा रहा है। सविता ने हैरानी जतायी है कि उसे लगातार आईजी के साथ अवैध संबंध बताकर बदनाम किया जा रहा है, लेकिन इस मामले में पुलिस अधिकारी ना तो कुछ बोल रहे हैं और ना ही कार्रवाई कर रहे हैं। नहीं स्वाति को उसके पति अखिलेश खंडेलवाल ने संपत्ति से भी बेदखल कर दिया है लिहाजा सविता अपने 11 साल के बच्चे के साथ दर-दर की ठोकरें खा रही है। अब सविता इच्छा मृत्यु की मांग कर रही है।

सविता के मुताबिक उनके पति के रसूख की वजह से ना पुलिस से उन्हें न्याय मिल रहा है और न ही कोर्ट में उनकी दलील कोई बेहतर वकील रख रहा है। ़सविता बताती है कि कभी उसके पास करोड़ों की जायदाद थी। कई घर हुआ करते थेज्लेकिन आज उसके पास एक घर तक नहीं है। सविता ने आरोप लगाया है कि एक घर पर कोर्ट ने स्टे भी दिया, बावजूद पुलिस ने ताला तोड़कर उस मकान को पति के हवाले कर दिया। सविता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि कई बार एसपी से लेकर कलेक्टर तक के पास वो चक्कर लगा चुकी है लेकिन उनकी बातों को कोई नहीं सुन रहा यहां तक महिला आयोग में भी कई बार वो चक्कर काट चुकी है। लेकिन उनकी बातों को कोई नहीं सुनता लिहाजा आज वो महिला आयोग के सामने ही धरने पर बैठ गयी।

इधर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने इसे न्यायालीन प्रक्रिया बताते हुए कहा कि आयोग कोर्ट में प्रक्रियाधीन मसलों पर कार्रवाई नहीं करती। सविता खुद भी बड़ी कारोबारी रही है स्कूल बुटिक के अलावा वो शेयर कारोबार से भी जुड़ी रही लेकिन पति के आरोप और जायदाद से बेदखल कर दिये जाने के बाद वो बिल्कुल अलग-थलग पड़ गयी है। सविता बताती है कि उसके दो अलमीरे दस्तावेजों और कानूनी कागजातों से भर गये हैं लेकिन उन्हें न्याय आज तक नहीं दिये गये।

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