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‘आइसलैंड ऑफ डेथ’, जो यहाँ गया जिन्दा वापस न आया

अगर आप भगवान में विश्वास रखते है तो आत्मा में भी रखते होंगे, अब वैज्ञानिक तरीके से जब तक कुछ साबित नहीं हो पाता तब तक आत्मा का अस्तित्व जैसा हम मानते है वैसा ही मानते रहेंगे। आपने सुना होगा कुछ आत्माए अछि होती है और कुछ बुरी, इसके बारे में अनेक कहानियां है पर आज हम इन कहानियों पर नहीं बल्कि आपको एक ऐसे टापू के बारे में बताने जा रहे है जिसके बारे में आत्माओं से जुडी अनेक कहानियां है और वो भी बुरी आत्माओं के बारे में। यहाँ तक की इस टापू को आइलैंड ऑफ़ डेथ कहा जाता है अर्थात मौत का टापू। अब ऐसा क्यों है आइये जानते है। इटली में वेनिस और लिडो के बीच वेनेशियन खाडी में स्थित टापू (द्वीप) पोवेग्लिया पर जाना कोई पसन्द नहीं करता है। लोगों का मानना है जो यहाँ वो जिन्दा वापस नहीं आया। कहा जाता है कभी ये टापू अपनी सुन्दरता के लिए मशहूर था पर आज वीरान है। काफी सालों पहले इटली में प्लेग की बिमारी ने महा विनाश मचाया और भारी संख्या में लोग इसकी चपेट में आ गए। जब ये बिमारी सर्क्कार के काबू में नहीं रही तो करीब तो करीब 1 लाख 60 हजार मरीजों को इस टापू पर लाकर जिन्दा आग के हवाले कर दिया गया।

बात यहाँ खत्म नहीं होती इस विनाशकारी बिमारी के बाद इटली में काला बुखार नमक बिमारी फैली उस बिमारी के भी लाइलाज होने की वजह से जो मौतें हुई उन लाशों को भी इस टापू पर लाकर दफ़न कर दिया गया। इन घटनाओं के बाद इस टापू के आसपास के लोगों को इस टापू पर अजीबोगरीब आवाजों और आत्माओं के होने का आभास हुआ और इस टापू पर लोगों ने जाना बंद कर दिया। सरकार ने एक मेंटल हॉस्पिटल बनाकर यहाँ पर लोगों की आवाजाही बढ़नी चाही परवहां नौकरी करने वाले डॉक्टर्स और नर्सो को आत्माओं का आभास होने लगा। डॉक्टरों के अनुसार उन्हें वहां रात के समय में तरह-तरह की असामान्य चीजें नजर आती और आवाजें आती। कई बार मरीजों के परिजनों ने भी आत्माओं के दिखने की बात कही।

ऐसे में मेन्टल अस्पताल को भी जल्द ही बंद कर दिया गया।वर्ष 1960 में इटली सरकार ने इस द्वीप को एक अमीर व्यक्ति को बेच दिया पर उस व्यक्ति के परिवार के साथ इस टापू पर खतरनाक हादसे हुए और कुछ ही समय में ये टापू बुरी आत्माओं के निवास स्थान के रूप में मशहूर हो गया । इस टापू की सच्चाई जाने कई लोग गए और जो वापस आये उन्होंने भी इस टापू के बारे में यही बताया की ये टापू अब शापित हो चूका है। इटली की सरकार ने अब इस द्वीप पर जाने की पाबन्दी लगा दी है। सरकार का कहना है कि प्रतिबंधित होने के बाद भी अगर कोई शख्स वहां जाता है तो वह उसकी खुद की जिम्मेदारी होगी।

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