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आईएलऐंडएफएस में डूब सकते हैं प्रोवीडेंट फंड्स के हजारों करोड़ रुपये


मुम्बई : मध्य वर्गीय वेतनभोगियों के प्रोवीडेंट और पेंशन फंड्स के हजारों करोड़ रुपयों के डूबने का खतरा मंडरा रहा है। ऐनालिस्ट्स का अनुमान है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनैंशल सर्विसेज यानी आईएलऐंडएफएस और इसकी ग्रुप कंपनियों में इन फंड्स के 15 से 20 हजार करोड़ रुपये लगे हुए हैं। मामले से वाकिफ तीन लोगों ने इसकी जानकारी दी। इन फंडों की बिल्कुल अपारदर्शी प्रवृत्ति के कारण फंसी रकम का सही-सही आकलन तो नहीं किया जा सका है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका आंकड़ा 20 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह रकम आईएलऐंडएफएस को मिले बैंकों, म्यूचुअल फंडों एवं अन्य वेल्थ मैनेजमेंट स्कीमों से प्राप्त कर्जों से इतर है। यूबीएस ऐनालिस्ट्स ने विभिन्न पहलुओं पर ध्यान रखते हुए कहा है कि आईएलऐंडएफएस को कर्ज देने वालों को 11,300 करोड़ से लेकर 28,500 करोड़ रुपये तक का चूना लग सकता है। रेग्युलेटरी फाइलिंग से पता चलता है कि आईएलऐंडएफएस पर 91 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। इसका 61 प्रतिशत बैंक लोन जबकि 33 प्रतिशत डिबेंचरों और कमर्शल पेपरों के जरिए लिए गए कर्ज हैं। निजी प्रबंधन वाले प्रविडंट और पेंशन फंडों के लिए बड़ा जोखिम है क्योंकि इन्हें एंप्लॉयी प्रविडंट फंड ऑर्गनाइजेशन की शर्तों के तहत इन्हें किसी भी तरह के नुकसान की भरपाई करनी होगी। दरअसल, ईपीएफओ ऐसी ही शर्तों के आधार पर किसी को निजी तौर पर रिटायरमेंट के मैनेजमेंट की अनुमति देता है। कई निजी प्रविडंट फंडों को सलाह देने वाली संस्था इंडिया लाइफ कैपिटल के सीनियर वाइस-प्रेजिडेंट अमित गोपाल ने बताया, बैंकों के उलट प्रविडंट फंडों को निवेश पर नुकसान की जानकारी हर तिमाही में देनी पड़ती है।

उन्होंने कहा, कई बड़ी कंपनियों ने अपना घाटा बातना शुरू कर दिया है जबकि कई अन्य कंपनियां इस मामले में थोड़ी और स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं। आईएलऐंडएफएस में सबसे ज्यादा पैसा यस बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, इंडसइंड बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा का फंसा है। लेकिन, यह पता नहीं चल पाया है कि उसमें किस प्रविडंट फंड और पेंशन फंड की कितनी रकम फंसी है। एक इन्वेस्टमेंट बैंकर ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया, आईएलऐंडएफएस ग्रुप का 40 प्रतिशत कुल बॉन्ड्स प्रविडंट फंड्स के पास होने का अनुमान है।’ वहीं ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। रिटायरमेंट फंड्स का प्रबंधन करने वाले इन फंडों में से कुछ के पास संकट से गुजर रही कंपनी आईएलऐंडएफएस के बॉन्ड्स हैं और कुछ ने इसे लोन दे रखा है।

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