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आगरा बनेगा अग्रवन, खंगाला जा रहा इतिहास!

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा का नाम परिवर्तित करना चाह रहे हैं। आपको बता दें कि ताज नगरी को अग्रवन बनाने के लिए साक्ष्य मांगे जा रहे हैं। इससे लिए प्रशासन ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से पूछा है कि आगरा का नाम बदलकर क्या किया जाए ? साक्ष्यों को लेकर विश्वविद्यालय का इतिहास विभाग पूरे मामले पर मंथन कर रहा है और साक्ष्य जुटाने में लगा हुआ है। प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देश के बाद अब ताजनगरी आगरा का इतिहास खंगाला जा रहा है। साथ ही यह भी खंगाला जा रहा है कि आगरा का नाम कब, किसने और कैसे अग्रवन के रूप में प्रयोग किया था। इसके लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय को जिम्मेदारी सौंपी गई है। विद्धानों का मानना है कि आगरा गजेटियर में अग्रवन का उल्लेख मिलता है। वहीं डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय को जैसे ही आगरा को अग्रवन कहने के साक्ष्य मिलेंगे वह इसकी रिपोर्ट तुरंत ही शासन को मुहैया कराएगा।

विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रमुख सुगम आनंद के अनुसार प्रशासन के पत्र के आधार पर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगरा के नाम को लेकर अलग-अलग मत है, लेकिन हम लिखित प्रमाण या अभिलेख पर शोध कर रहे हैं। इतिहासकारों का मानना है कि आगरा को प्राचीन काल में अग्रवन कहा जाता था। लेकिन मुगलकाल में अग्रवन से यह आगरा हो गया था। इसके अतिरिक्त कुछ लोगों का मानना है कि करीब हजार साल पहले महर्षि अंगिरा हुए थे। ऐसे में उनसे संबंधित होने के कारण पहले इसे अंगिरा कहा जाता था।

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