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आज सज्जन को सजा हुई… कल टाइटलर और फिर गांधी परिवार की आएगी बारी

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद सज्जन कुमार को 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में उम्रकैद सुनाए जाने पर जहां कांग्रेस कोई प्रतिक्रिया देने से बचती नजर आ रही है, वहीं बीजेपी और अकाली दल ने इसका स्वागत किया है। सज्जन कुमार को सजा पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि इस मामले में अकाली दल की गुजारिश पर एसआईटी का गठन करने के लिए मोदी साहब का शुक्रिया। यह ऐतिहासिक फैसला है। हरसिमरत कौर ने कहा कि कोर्ट ने भी आरोपियों की राजनीतिक संरक्षण की बात मानी है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज सज्जन कुमार को सजा हुई, फिर टाइटलर और कमलनाथ को और फिर गांधी परिवार को सजा होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये एक दर्दनाक मामला था जिसमें सैंकड़ों लोगों को उनके परिवारों के सामने ही मार दिया गया। इस मौके पर पंजाब के पूर्व मंत्री तथा शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी कांग्रेस नेताओं को जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि अगुस्टा वेस्टलैंड डील के कथित बिचौलिए मिशेल के मामले में कांग्रेस के वकील ही उनका पक्ष लड़ रहे थे। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ लोग ऐसे मामलों में तभी हस्तक्षेप करते हैं, जब इनके तार गांधी परिवार से जुड़े हुए हों। इस बात का सबूत ये है कि सज्जन कुमार के मुख्य वकील कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल हैं।

वहीं फैसला आने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री जेटली ने पत्रकारों से कहा, यह विडंबना है कि फैसला उस दिन आया है जब सिख समाज जिस दूसरे नेता को दोषी मानता है, कांग्रेस उसे मुख्यमंत्री की शपथ दिला रही है। इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, अरुण जेटली जी आपसे यह उम्मीद नहीं थी। कमलनाथ जी पर न तो इस प्रकरण में कोई एफआईआर है न चार्जशीट है और न किसी अदालत में कोई प्रकरण है। 91 से केंद्र में मंत्री रहे तब आपको कोई आपत्ति नहीं थी, अब आपको क्या हो गया? बता दें कि निचली अदालत ने इस मामले में सज्जन कुमार को बरी कर दिया था, जबकि तीन दोषियों गिरधारी लाल, कैप्टन भागमल और कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लेकिनस हाईकोर्ट ने फैसला पलटते हुए सज्जन कुमार को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं दो अन्य दोषियों किशन खोखर और पूर्व विधायक महेंद्र यादव की सजा हाईकोर्ट ने 3 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया है।

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