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आज सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी वित्त मंत्री

नई दिल्ली । इकोनॉमी में जान फूंकने के लिए बैंकों की तरफ से हो रही कोशिशों की समीक्षा के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सरकारी बैंकों की बैठक बुलाई है। बैठक में बैंकों की तरफ से हाल में उठाए गए कदमों और लोन मेला कैंपों के नतीजों पर विचार-विमर्श होगा। साथ ही इस महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की तरफ से प्रमुख ब्याज दर में की गई कटौती का लाभ ग्राहकों को देने के लिए भी बैंकों की समीक्षा होगी।

बीते एक महीने में वित्त मंत्री की सरकारी बैंकों के साथ यह दूसरी बैठक है।बैठक में सभी सरकारी बैंकों के प्रमुखों और शीर्ष अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में क्रेडिट गारंटी स्कीम पर बैंक अपना रिपोर्ट कार्ड भी प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा पूंजी आधार बढ़ाने की दिशा में फंड जुटाने संबंधी उठाए गए कदमों का ब्योरा भी बैंक वित्त मंत्री के समक्ष रख सकते हैं। बैठक में पहले चरण के दौरान 226 जिलों में सरकारी बैंकों की तरफ से आयोजित लोन मेले की रिपोर्ट पर भी विचार होगा।

केंद्र सरकार ने अगस्त में सरकारी बैंकों के लिए एक लाख करोड़ रुपये के पार्शियल गारंटी स्कीम के दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसके तहत सरकारी बैंकों को वित्तीय दृष्टि से मजबूत एनबीएफसी के उच्च रेटिंग वाले असेट खरीदने की इजाजत मिली थी। बीते वर्ष सितंबर में आइएलएंडएफएस समूह की कई कंपनियों के डिफॉल्ट की वजह से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और एनबीएफसी पर दबाव बढ़ गया था।लोन मेले का पहला चरण सात अक्टूबर को समाप्त हो गया।

इस मेले के दौरान बैंकों ने कृषि, वाहन, होम, एमएसएमई, शिक्षा और पर्सनल लोन उपलब्ध कराए। हालांकि बैंकों के कामकाज की सालाना समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में ऐसे 400 जिलों की पहचान करने का सरकारी बैंकों ने निर्णय लिया था। लेकिन बाद में निजी क्षेत्र के बैंक भी इस मुहिम में जुड़े।सूत्र बताते हैं कि बैठक में बैंकों से लोन देने की ‘पीएसबी लोन इन 59 मिनट’ व्यवस्था की समीक्षा भी होगी।

इस व्यवस्था के तहत किसी भी सरकारी बैंक से लोन की मंजूरी की प्रक्रिया को 59 मिनट में पूरा करने का प्रावधान रखा गया है। इसके अतिरिक्त लोन के वितरण के लिए मंजूरी पत्र प्राप्त होने के सात-आठ दिनों का समय निर्धारित किया गया था। इसकी शुरुआत के चार महीने के भीतर 35,000 करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए गए थे।

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