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आरबीआई की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में आम लोगों को मिली बड़ी राहत

भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को इस वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा जारी की है। इसमें जहां केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में चाैथाई फीसदी की कटौती कर जनता को राहत दी है, वहीं जीडीपी में ग्राेथ के अनुमान को घटा दिया गया है।

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में चौथाई फीसदी की कटौती की है। इसके साथ ही आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.4 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। दिसंबर की नीतिगत समीक्षा में आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ग्रोथ रेट 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। रिजर्व बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में जीडीपी में बढ़त दर 6.8 से 7.1 फीसदी रह सकती है और दूसरी छमाही में यह बढ़कर 7.3 से 7.4 फीसदी रह सकती है।

रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई दर के अनुमान में भी संशोधन करते हुए वित्त वर्ष 2019 की चौथी तिमाही में महंगाई दर 2.4 फीसदी, वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में महंगाई दर 2.9 से 3 फीसदी और वित्त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में महंगाई दर 3.5 से 3.8 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि फरवरी 2019 की पिछली एमपीसी बैठक के बाद वैश्विक आर्थ‍िक गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं। अमेरिका में 2018 की अंतिम तिमाही में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। 2018 की चौथी तिमाही में यूरोप की अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी सुस्त पड़ी है। कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं में आर्थ‍िक गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं।

ओपेक देशों और रूस द्वारा उत्पादन में कटौती तथा वेनेजुएला के निर्यात पर अमेरिकी रोक की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है। दूसरी तरफ, घरेलू मोर्चे के बारे में रिजर्व बैंक ने कहा है कि सार्वजनिक और निजी उपभोग में कमी की वजह से 2018-19 में लगातार तीन तिमाहियों में आर्थ‍िक गतिविधियों में नरमी आई है। हाल में एशि‍याई विकास बैंक (ADB) ने भी भारत के भी ग्रोथ अनुमान को घटाते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहेगी। एडीबी ने पहले वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.6 फीसदी की बढ़त होने का अनुमान जारी किया था। 

एशियाई विकास बैंक ने कहा कि वैश्विक मांग में कमी और घरेलू मोर्चे पर राजस्व में कमी आने की वजह से भारत में भी ग्रोथ कम होगा और 2019-20 में जीडीपी बढ़त 7.2 फीसदी रह सकती है। इसके पहले एडीबी ने वित्त वर्ष 2020 में भारत के जीडीपी में 7.6 फीसदी की बढ़त होने होने का अनुमान जारी किया था। कृषि पैदावार और खपत में कमी, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और सरकारी खर्च कम होने से वित्त वर्ष 2017 के 7.2 फीसदी की तुलना में वित्त वर्ष 2018 में ग्रोथ रेट 7 फीसदी ही रह गया था।

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