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इंसाफ मांगने गई विधवा टीचर पर भड़के सीएम रावत ने गिरफ़्तार करवाया


देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जनता दरबार में पहुंची एक विधवा टीचर जब अपनी समस्या सीएम को बताई तो वह भड़क उठे और सीधा निलंबन (सस्पेंड) का आदेश सुना दिया। रावत को महिला टीचर की शब्दों से आपत्ति थी। मुख्यमंत्री के व्यवहार पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और महिला टीचर का निलंबन वापस लेने की मांग की।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, हमारा सिस्टम असंवेदनशील हो चुका है। एक विधवा महिला का ट्रांसफर दूर-दराज के इलाके में किया जा रहा है और उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। अपनी शिकायत में महिला मुख्यमंत्री से ट्रांसफर नहीं किये जाने की अपील करते हुए कहती हैं, ”मैं 25 साल से काम कर रही हूं, मेरे पति की मौत हो गई है। मेरे बच्चों को कोई देखने वाला नहीं है, मैं अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ सकती हूं। मैं नौकरी भी नहीं छोड़ सकती हूं, आपको मेरे साथ न्याय करना पड़ेगा। टीचर की इस दलील पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब नौकरी शुरू की थी तो आपने क्या लिख कर दिया था? जिस पर टीचर कहती हैं कि मैंने यह भी लिखकर नहीं दिया था की मैं बनवास भोगूंगी। आपका ही नारा है बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, ये नहीं की बनवास भेजना है। इसी जवाब पर सीएम भड़क उठे और कहा कि अध्यापिका हो, नौकरी करती हो, ठीक से बोलो, जरा सभ्यता सीखो यार, महिला बोलती रही जिस पर गुस्साए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सस्पेंड कर दूंगा आपको, अभी सस्पेंड हो जाएगी। जिस पर महिला ने कहा कि आप क्या सस्पेंड करेंगे मैं खुद घर बैठी हूं।

मुख्यमंत्री को गुस्सा देख तुरंत वहां तैनात सुरक्षाकर्मी पहुंचे और महिला को हिरासत में ले लिया। महिला कार्रवाई न करने की अपील करती रही लेकिन उनकी एक न सुनी गई। आग-बबुला मुख्यमंत्री ने सुरक्षाकर्मियों को सख्त लहजे में कहा कि महिला को यहां से ले जाओ बाहर, इसे कस्टडी में लो। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

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