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इस लड़की को परीक्षा की वजह से गंवाने पड़े अपने बाल

student_03_08_2016लंदन। वैसे तो परीक्षा की टेंशन किसे नहीं होती, जब परीक्षा आती है तो अच्‍छे-अच्‍छों की हालत पतली हो जाती है। बच्‍चे तो बच्‍चे मां-बाप भी टेंशन में सो नहीं पाते। वैसे सभी टीचर्स और डॉक्‍टर कहते हैं कि परीक्षा का ज्‍यादा टेंशन नहीं लेना चाहिए इससे स्‍वास्‍थ्‍य पर गलत असर पड़ता है लेकिन यह किसी के बस में नहीं।

लेकिन इस खबर को पढ़ने के बाद आप शायद परीक्षा को टेंशन लेना छोड़ दें क्‍योंकि एक छात्रा को इसी टेंशन के चलते अपने खूबसूरत बालों से हाथ धोना पड़ा और वो महज दो महीनों में गंजी हो गई। एक अंग्रेजी वेबसाइट के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ बॉर्नमाउथ में पढ़ने वाली 20 वर्षीय आना मूरे को आर्कीयॉलॉजी के अलावा एंथ्रोपॉलेजी और फारेंसिंक साइंस की परीक्षा का टेंशन था।

एक दिन जब आना नहाने गई तो उसके कुछ बाल झड़कर हाथ में आए। इसके 8 हफ्तों बाद ही आना के 70 प्रतिशत से ज्‍यादा बाल झड़ चुके थे और वो लगभग गंजी हो चुकी थी। आना के अनुसार जब में कंघी करती तो ऐसा लगता जैसे कोई बुढ़ा अपने सिर के बालों में कंघी कर रहा हो। मैं बीस साल की हूं लेकिन बूढ़ों जैसी लगने लगी थी। मैं हर वक्‍त रोती रहती थी। मैंने अपने दोस्‍तों से भी बात की। यह सब इतना जल्‍दी हुआ कि कुछ समझ नहीं आया।

काफी सारी जांचों के बाद पता चला कि आना को एलोपेसिया ए‍रीयाटा बीमारी है जिसमें गंजे पैच सिर में बन जाते हैं। इससे पहले आना के बाल बेहद खूबसूरत और आकर्षक थे जिस पर उसे घमंड भी था। आना के अनुसार मुझे अपने बालों को लेकर हमेशा तारीफें सुनने को मिलती थीं। लेकिन इस साल मार्च में परीक्षा के समय जब वो नहाते हुए शैंपू कर रही थी तब ढेर सारे बाल उसके हाथ में आ गए।

शुरुआत में उसे लगा यह नॉर्मल है और उसने किसी से नहीं बताया। लेकिन यह सब जारी रहा और उसके बाल तेजी से झड़ने लगे। दो हफ्तों में ही लोगों ने उसे कहना शुरू कर दिया कि उसके बाल काफी कम हो चुके हैं। आना के अनुसार इसके बाद में घबरा गई और क्‍लास जाना बंद कर दिया। इसके बाद अप्रैल में वो अपने पिता का घर यह कहकर छोड़ आई की उसे पढ़ाई के लिए शांति चाहिए।

पढ़ाई के दौरान उसके बाद गिरते रहे और एक दिन उससे मिलने आए उसके पिता ने कहा कि उसके सिर पर ढेर सार बिना बाल के पैच बन गए हैं। इसके बाद उन्‍होंने कई जांचें करवाई जिसमें सबकुछ ठीक निकला। परीक्षा के दौरान भी उसके बाल झड़ते रहे और आखिर में उसे कॉर्नवाल में रहने वाली अपनी मां से बात की। वो आना को डॉक्‍टर के पास ले गई जिसने देखते ही कह दिया कि उसे एलोपेसिया एरीआटा बिमारी है।

इसके बाद उसे अपना सिर गंजा करना पड़ा। जब आना कॉलेज लौटी तो महौल अलग था, स्‍टूडेंट उसे घूर रहे थे लेकिन दोस्‍तों ने आना को अपना आत्‍मविश्‍वास पुन: प्राप्‍त करने में मदद की। अब आना अपनी जिंदगी अच्‍छी तरह जी रही है।

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