स्पोर्ट्स

इस PAK क्रिकेटर ने कहा- वर्ल्ड कप में भारत को हराकर धोएंगे कलंक

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोईन खान का मानना है कि मौजूदा टीम वर्ल्ड कप में हमेशा भारत से हारने का कलंक धोकर इंग्लैंड में होने वाले अगले वर्ल्ड कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पर पहली जीत दर्ज कर सकती है. वर्ल्ड कप में अब तक छह बार भारत और पाकिस्तान का मुकाबला हुआ है और हर बार भारतीय टीम जीती है. अब दोनों टीमें 16 जून को क्रिकेट के इस महाकुंभ में आमने-सामने होंगी.

इस PAK क्रिकेटर ने कहा- वर्ल्ड कप में भारत को हराकर धोएंगे कलंकमोईन ने जीटीवी चैनल पर कहा ,‘मौजूदा टीम विश्व कप में भारत पर पहली जीत दर्ज कर सकती है, क्योंकि यह काफी प्रतिभाशाली टीम है. इसमें गहराई और विविधता है और सरफराज अहमद का खिलाड़ियों से अच्छा तालमेल है.’

विश्व कप 1992 और 1999 टीम के सदस्य रहे मोईन ने कहा कि उन्हें इस बार पाकिस्तान की जीत का यकीन है. उन्होंने कहा ,‘हमारी टीम ने दो साल पहले चैम्पियंस ट्रॉफी में उन्हें हराया और इंग्लैंड में जून में हालात हमारे अनुकूल होंगे, क्योंकि हमारे पास उनसे बेहतर गेंदबाज हैं.

मोईन ने भारत और इंग्लैंड को विश्व कप के प्रबल दावेदारों में बताया. उन्होंने कहा,‘यह दिलचस्प विश्व कप होगा और मुझे लगता है कि पाकिस्तानी टीम भारत को हरा देगी. हम दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ वनडे मैच खेलकर विश्व कप में जा रहे हैं.

पीसीबी ने शरजील की अपील ठुकराई

उधर, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने स्पॉट फिक्सिंग मामले में प्रतिबंध झेल रही शरजील खान की घरेलू क्रिकेट खेलने की अनुमति देने की अपील खारिज कर दी. शरजील पर लगा प्रतिबंध इस साल अगस्त में खत्म होगा. पीसीबी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि शरजील ने अपने वकील के मार्फत याचिका भेजी दी, जिस पर बोर्ड के संचालकों की बैठक में बात की गई.

शरजील के वकील शेगान एजाज ने कहा ,‘शरजील ने बोर्ड अध्यक्ष एहसान मनी से अनुरोध किया था कि वह भ्रष्टाचार निरोधक आचार संहिता के तहत अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करके उन्हें घरेलू और क्लब क्रिकेट खेलने की अनुमति दे.’

उन्होंने कहा कि पीसीबी ने इससे पहले तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर को यह छूट दी थी. पीसीबी अधिकारी ने कहा कि काफी विचार विमर्श के बाद यह तय किया गया कि शरजील को अगस्त में ही खेलने की अनुमति मिलेगी.

सलामी बल्लेबाज शरजील को दुबई में फरवरी 2017 में पाकिस्तान सुपर लीग के दूसरे सत्र की शुरुआत में स्वदेश भेज दिया गया था. बाद में उस पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया गया, जो घटाकर ढाई साल कर दिया गया था.

Related Articles

Back to top button