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ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के चीफ जैक मा ने की रिटायरमेंट की घोषणा

नई दिल्ली : चीन की सबसे बड़ी “ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा” के को-फाउंडर और चीफ जैक मा ने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है| वह सोमवार को अपने जन्मदिन पर कंपनी को अलविदा कहकर शिक्षा आधारित मानव सेवा में जुट जाएंगे| वह सोमवार को 54 साल के हो जाएंगे| लेकिन उनके जीवन की रोचक कहानी को कम ही लोग जानते है| आज हम आप को बतायेगे उनके जीवन के बारे में, यह एक गरीब टीचर आज 2.71 लाख करोड़ रुपए “फोर्ब्स की नेटवर्थ के अनुसार” का मालिक बन गया है| चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के को-फाउंडर और चीफ जैक मा ने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है| वह सोमवार को अपने जन्मदिन पर कंपनी को अलविदा कहकर शिक्षा आधारित मानव सेवा में जुट जाएंगे| वह सोमवार को 54 साल के हो जाएंगे| लेकिन उनके जीवन की रोचक कहानी को कम ही लोग जानते है| इसीलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि कैसे एक गरीब टीचर आज 2.71 लाख करोड़ रुपए “फोर्ब्स की नेटवर्थ के अनुसार” का मालिक बन गया है| चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के को-फाउंडर और चीफ जैक मा ने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है| वह सोमवार को अपने जन्मदिन पर कंपनी को अलविदा कहकर शिक्षा आधारित मानव सेवा में जुट जाएंगे| वह सोमवार को 54 साल के हो जाएंगे| लेकिन उनके जीवन की रोचक कहानी को कम ही लोग जानते है| हम आपको बताने जा रहे हैं, कि कैसे एक गरीब टीचर आज 2.71 लाख करोड़ रुपए “फोर्ब्स की नेटवर्थ के अनुसार” का मालिक बन गया है| उनकी जीवनी पर आधारित किताब “अलीबाबा” “द हाउस दैट जैक मा बिल्ट” में बताया गया है, कि जब जैक ने 1999 में हांगझू के अपने अपार्टमेंट में अलीबाबा कंपनी का कामकाज शुरू किया था| तो लोग उन्हें शक की नजरों से देखते थे| वे उन्हें तीन साल तक ठग ही समझते रहे| बाद में जाकर लोगों को यकीन हुआ कि वे तो उनकी जिंदगी आसान करने वाले व्यक्ति हैं| बिल गेट्स या स्टीव जॉब्स की तरह जैक मा के पास कंप्यूटर साइंस की भी कोई पृष्ठभूमि नहीं रही| बचपन में कभी उन्होंने कंप्यूटर इस्तेमाल नहीं किया| गणित के पेपर में एक बार उन्हें 120 में से केवल एक अंक मिलाथा | ऐसे में उनकी कामयाबी की कहानी और भी हैरान करती है| 1980 में वह अपने शहर में एक स्कूल टीचर की नौकरी करने लगे| तीन साल बाद उन्होंने इस नौकरी को छोड़ अनुवाद करने वाली एक कंपनी खोली| 1994 में जब वह अपने बिजनेस के सिलसिले में अमेरिका गए थे, तो वहां इंटरनेट देखकर हैरान रह गए| उन्हें यह बात करामाती लगी कि कैसे घर बैठे लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से इंटरनेट के जरिए जुड़ सकते हैं| इसकी कामयाबी से मा चीन में ‘मिस्टर इंटरनेट’ के नाम से मशहूर हो गए| 21 फरवरी 1999 को जैक मा ने अलीबाबा की नींव रखी और इसके लिए अपने 17 दोस्तों को तैयार किया| हालांकि, शुरुआती मुश्किलों के बाद उनकी कंपनी तेजी से ग्रोथ दिखाने लगी|जब जैक मा के शहर में KFC ने अपनी ब्रांच खोली तो जैक ने उस जॉब के लिए भी अप्लाई किया पर वहां से भी रिजेक्ट हो गए| करीब 30 नौकरी से रिजेक्शन के बाद जैक मा ने अलीबाबा की शुरुआत की और सफलता का स्वाद चखा| आज उनकी कंपनी जबरदस्त फायदे में है और दुनिया के ई-कॉमर्स बाजार में सबसे आगे है| जापान की बड़ी फाइनेंशियल कंपनी सॉफ्टबैंक से जैक मा कर्ज लेने में कामयाब हुए| यह कंपनी चीन के आईटी सेक्टर में निवेश करती है| अलीबाबा में शुरुआती निवेश करने वालों में से एक वू यिंग ने वेबसाइट पर लिखा, एक पुरानी सी जैकेट और हाथ में एक कागज पकड़े वह हमारे पास आया था| कुल छह मिनट में उसने निवेशकों को इतना यकीन दिला दिया और दो करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज ले लिया| चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा चीन के सबसे रईस आदमी हैं| फोर्ब्स के मुताबिक उनकी कुल वेल्थ 2.71 लाख करोड़ रुपए है|

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