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ई-कॉमर्स के लिए आया मोदी सरकार का नया नियम

जहां एक तरफ देशभर में फिलहाल बजट की चर्चा है तो वहीं दूसरी तरफ 1 फरवरी से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को लेकर भी कई नए नियम लागू हो गए हैं. नए नियम के बाद से यदि आप अमेजन इंडिया की वेबसाइट या फ्लिपकार्ट से कुछ सामान खरीदने की सोच रहे हैं तो हो सकता है कि कुछ पॉपुलर प्रोडक्ट्स आपके लिए वेबसाइट पर उपलब्ध ना हों. ऐसे कुछ प्रोडक्ट्स वो प्रोडक्ट्स हैं जिन्हें कंपनी अमेजन बेसिक प्रोडक्ट लाइन-अप और सॉलिमो रेंज के तहत बेचती है. ये वो प्रोडक्ट्स हैं जिनकी रेटिंग दुनियाभर में अच्छी है साथ ही ये बजट फ्रेंडली भी हैं. लेकिन नए नियम आ जाने के बाद से आप इन्हें नहीं खरीद पाएंगे.

ई-कॉमर्स के लिए आया मोदी सरकार का नया नियमउदाहरण के तौर पर बात करें तो यदि आप अपने लेसेट्स MacBook Air के लिए USB टाइप-C टू USB 2.0 केबल खरीदना चाहते हैं तो आपके पास दो ऑप्शन है- पहला ऐपल का खुद का एडैप्टर जिसकी कीमत 3,000 रुपये से ज्यादा है. दूसरा अमेजन बेसिक केबल जिसकी कीमत 500 रुपये है. इन दोनों की क्वालिटी लगभग एक जैसी होती है. या दूसके शब्दों में कहें तो बजट में आपका काम हो जाएगा. लेकिन मोदी सरकारी के नए नियमों के आ जाने के बाद से अमेजन अपनी वेबसाइट पर इन केबल्स को नहीं बेच सकता.

भारत में ग्राहकों के पास यूरोप और अमेरिका जैसे देशों के मुकाबले वैसे भी प्रोडक्ट्स को लेकर कम ही विकल्प है. यहां अच्छे क्वालिटी के प्रोडक्ट्स वैसे भी महंगे मिलते हैं. ऐसे में अमेजन पैंट्री प्रोडक्ट्स, अमेजन बेसिक प्रोडक्ट्स और सॉलिमो रेंज के प्रोडक्ट्स के तहत अमेजन इंडिया भारतीय ग्राहकों को क्वालिटी प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराती थी. ये प्रोडक्ट्स ना केवल महानगरों बल्कि छोटे शहरों में भी बेचे जाते थे, जहां कूरियर पहुंचते हैं. लेकिन अब आप ऐसे कोई भी प्रोडक्ट्स नहीं खरीद सकते.

फिलहाल अमेजन बेसिक प्रोडक्ट्स, सारे सॉलिमो प्रोडक्ट्स और वो सारे प्रोडक्ट्स जिन्हें अमेजन इंडिया अपने एफिलिएट सेलर्स के जरिए बेचती है, वेबसाइट पर कोई भी उपलब्ध नहीं है. यहां तक Echo स्पीकर्स और Kindles भी वेबसाइट से हटा लिए गए थे. क्योंकि ये प्रोडक्ट्स Cloudtail द्वारा बेचे जाते थे, जिसमें अमेजन का निवेश था. हालांकि अमेजन ने किसी तरह इन प्रोडक्ट्स के सेलर्स को बदल दिया है. अब ये प्रोडक्ट्स वेबसाइट पर दोबारा उपलब्ध हो गए हैं. Cloudtail की जगह ये प्रोडक्ट्स अब हरिओम कम्यूनिकेशन LLP सेलर द्वारा बेचे जा रहे हैं. हालांकि प्रोडक्ट्स की शिपिंग में देरी हो सकती है.

हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया टुडे टेक ने अमेजन इंडिया से बात की है जहां उनकी से ओर से कहा गया कि, कंपनी नियमों के पालन के लिए प्रतिबद्ध है और कंपनी भारत में अपने ग्राहकों और विक्रेताओं पर यथासंभव प्रभाव को कम करने की कोशिश करेगी.

क्या है नया नियम:

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश 1 फरवरी से लागू हो गया है. इस नए नियम के आने के बाद से अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन रिटेल कंपनियां उन फर्म के प्रोडक्ट्स को अपने प्‍लेटफॉर्म पर नहीं बेच सकेंगी, जिसमें उनकी किसी भी तरह से हिस्सेदारी होगी. यानी कंपनियां वो ही प्रोडक्ट्स बेच सकेंगी जिनमें उनकी कोई भूमिका ना हो. साथ ही ऑनलाइन कंपनियों के किसी भी प्रोडक्ट को एक्सक्लूसिव तरीके से बेचने पर भी पाबंदी लगाई गई है. यानी अब आपको एक्सक्लूसिव सेल का फायदा भी नहीं मिल सकेगा. नए नियमों को लाने की वजह ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं द्वारा की गई शिकायतें हैं. खुदरा विक्रेताओं ने शिकायत कर आरोप लगाया है कि ऑनलाइन रिटेलर्स भारी छूट दे रहे हैं, जिससे उनके व्यापार को नुकसान पहुंच रहा है.

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