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उत्तर प्रदेश में तीन हज़ार पांच सौ बीटीसी प्रशिक्षुओं को किया अनुत्तीर्ण

इलाहाबाद : निजी कॉलेज के प्रबंधन ने बीटीसी प्रशिक्षुओं को सुविधा शुल्क न देने पर आंतरिक परीक्षा में फेल या अनुपस्थित कर दिया है। प्रत्येक कॉलेज में बीटीसी की 50 सीट होने के कारण 70 कॉलेजों में प्रभावित छात्रों की संख्या 3.5 हजार है। सभी डायट प्राचार्य और निजी कॉलेजों के प्रबंधकों व प्राचार्यों से आंतरिक मूल्यांकन के अंक 27 दिसंबर से 22 जनवरी तक ऑनलाइन भरने और उसकी हार्डकॉपी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय भेजने को कहा गया था। इनमें से 70 निजी बीटीसी संस्थानों ने मात्र एक विषय के आंतरिक नंबर इस प्रकार दिए हैं कि उनके कॉलेज के सभी छात्र फेल हो रहे हैं या फिर आंतरिक के एक विषय में सभी छात्रों को अनुपस्थित दिखाया गया है।

अनियमितता सामने आने पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के प्राचार्यों को जांच के आदेश दिए हैं। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने कहा कि एक विषय में सभी छात्रों को फेल करने या अनुपस्थित करने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह कृत्य जानबूझकर किया गया है। प्राचार्य डायट अपने स्तर से प्रकरण की जांच करें और यदि निजी कॉलेज दोषी पाये जाते हैं तो उनके खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति करें।

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