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एक्सक्ल्यूसिव : भाजपा नहीं, बसपा के पास है सबसे ज्यादा बैंक बैलेंस

  • बसपा को 2017-18 में 210 करोड़ रुपये की रकम चुनावी बॉन्ड्स के जरिए मिली.


नई दिल्ली : चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी के पास सभी राजनीतिक दलों में सबसे ज्यादा बैंक बैलेंस है. इसका खुलासा 25 फरवरी को राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग में दाखिल खर्चों की रिपोर्ट से हुआ है. जिन पार्टियों ने खर्चे की रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी, उनमें बसपा ने बताया कि उसके पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आठ एकाउंट्स में 669 करोड़ रुपये जमा है. बीएसपी ने 95.54 लाख रुपये कैश के तौर पर भी अपने पास होने की बात कही. बसपा के बाद अगला नंबर SP का है. सबसे ज्यादा धनराशि चंदे में पाने के बावजूद बीजेपी बैंक बैलेंस के मामले में 5वें नंबर पर है. यह खर्चे की रिपोर्ट सेंट्रल किटीज ऑफ पार्टीज के ब्यौरे पर आधारित है. बसपा के बाद दूसरा नंबर सपा का है. जिसके पास बैंकों में 471 करोड़ रुपये जमा है. पार्टी का बैंक बैलेंस मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के चुनावों के बाद 11 करोड़ रुपये गिरा है. इस लिस्ट में कांग्रेस का नाम तीसरे नंबर पर आता है. जिसके बैंक एकाउंट्स में 196 करोड़ रुपये हैं. यह आंकड़े पार्टी के 2 नवंबर को कर्नाटक चुनावों के बाद चुनाव आयोग को सौंपी गई रिपोर्ट पर आधारित हैं. हालांकि पार्टी ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों को जीतने के बाद इन आंकड़ों को अपडेट नहीं किया है. बीजेपी इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर है. इसके पास 82 करोड़ का बैंक बैलेंस है. हालांकि वह इस मामले में तेलुगु देशम पार्टी से भी नीचे आती है, जिसके पास 107 करोड़ का बैंक बैलेंस है. बीजेपी को मिले चंदे और चुनावी बॉन्ड्स के इसे मिले पैसे के मुकाबले वह आंकड़ा बहुत कम है, जिसे बीजेपी अपने बैंक बैलेंस के तौर पर दिखाया है. इसका कारण बीजेपी द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए आंकड़ों में छिपा है. पार्टी ने चुनाव आयोग में दाखिल आंकड़ों में 758 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया है. यह किसी पार्टी द्वारा किया गया सबसे बड़ा खर्च है. बीजेपी ने 2017-18 में 1,027 करोड़ रुपये जुटाए थे. नवंबर-दिसंबर में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों के दौरान सपा का बैंक बैलेंस 11 करोड़ रुपये कम हुआ. वहीं बीएसपी ने इस दौरान भी अपने बैंक बैलेंस में 24 करोड़ की बढ़ोत्तरी की. जिससे इसका बैंक बैलेंस 665 करोड़ रुपये से बढ़कर 670 करोड़ तक पहुंच गया. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स द्वारा किए गए इन पार्टियों के इनकम टैक्स की बात करें तो बीजेपी को चंदे के जरिए सबसे ज्यादा पैसे आए हैं. इसे 2016-17 में 1,034 करोड़ रुपये और 2017-18 में 1,027 करोड़ रुपये चंदे से आए थे. इसी वक्त में बीजेपी की आमदनी 174 करोड़ से गिरकर 52 करोड़ रुपये हो गई थी. 2016-17 के दौरान कांग्रेस की आमदनी 225 करोड़ थी. सीपीएम ने पिछले आर्थिक वर्ष में अपनी आमदनी 100 करोड़ रुपये दिखाई है. इन सारी पार्टियों की आमदनी में 87 फीसदी हिस्सा चंदे से आए धन का है. बीजेपी एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसे चुनावी बॉन्ड्स के जरिए बड़ी रकम चंदे में मिली है.

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