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एशियन गेम्स: दुष्यंत ने कहा, ‘मैंने ऐसे खेला मानो यह मेरी जिंदगी की आखिरी रेस हो

नौकायन खिलाड़ी दुष्यंत ने 18वें एशियन गेम्स के छठे दिन भारत को रोइंग का पहला पदक दिलाया. पुरुषों की लाइटवेट सिंगल स्कल्स में उन्होंने तीसरा स्थान हासिल किया. आखिरी 500 मीटर में वह इतना थक गए थे कि उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाना पड़ा. दुष्यंत पदक समारोह के दौरान ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे.

 

एशियाड: सेब और 2 ब्रेड खाकर उतरे थे दुष्यंत, मेडल जीतते ही बिगड़ी तबीयतदुष्यंत ने कहा, ‘मैंने ऐसे खेला मानो यह मेरी जिंदगी की आखिरी रेस हो. यही मेरे दिमाग में था. शायद मैंने कुछ ज्यादा मेहनत कर ली. मुझे सर्दी-जुकाम हुआ था, जिससे रेस पर भी असर पड़ा. मैंने बस दो ब्रेड और सेब खाया था. मेरे शरीर में पानी की कमी हो गई थी.’ इस स्पर्धा में कोरिया के ह्यूनसू पार्क पहले और हांगकांग के चुन गुन चियू दूसरे स्थान पर रहे.

उधर, भारतीय नौकायन खिलाड़ियों ने 18वें एशियाई खेलों में चौकड़ी स्कल्स (क्वाडरपल स्कल्स) में ऐतिहासिक स्वर्ण हासिल किया. साधारण परिवारों से आए सेना के इन जवानों ने सैनिकों का कभी हार नहीं मानने वाले जज्बा को दिखाते हुए जीत दर्ज की. भारतीय टीम में स्वर्ण सिंह, दत्तू भोकानल, ओम प्रकाश और सुखमीत सिंह शामिल थे. जिन्होंने पुरुषों की चौकड़ी स्कल्स में 6:17.13 का समय निकालकर पीला तमगा जीता.

रोइंग में भारत का कमाल

भोकानल गुरुवार को व्यक्तिगत वर्ग में नाकाम रहे थे. स्वर्ण और प्रकाश भी पुरुषों के डबल स्कल्स में पदक से चूक गए थे. लेकिन इन सभी ने 24 घंटे के भीतर नाकामी को पीछे छोड़कर इतिहास रच डाला. भारतीय टीम के सीनियर सदस्य स्वर्ण सिंह ने कहा ,‘कल हमारा दिन खराब था, लेकिन फौजी कभी हार नहीं मानते. मैंने अपने साथियों से कहा कि हम स्वर्ण जीतेंगे और हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. यह करो या मरो का मुकाबला था और हम कामयाब रहे.’ मेजबान इंडोनेशिया दूसरे और थाईलैंड तीसरे स्थान पर रहा.

भारत ने नौकायन में एक और कांस्य पदक जीता. रोहित कुमार और भगवान सिंह ने डबल स्क्ल्स में रोहित और भगवान ने 7: 04. 61 का समय निकालकर कांस्य पदक जीता. जापान की मियाउरा मायायुकी और ताएका मासाहिरो ने स्वर्ण और कोरिया की किम बी और ली मिन्ह्यूक ने रजत पदक हासिल किया.

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