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और बढ़ा Jet airways का संकट, कोर्ट ने दखल से किया इनकार

आर्थिक संकट से जूझ रही प्राइवेट एयरलाइन जेट एयरवेज की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. नई मुश्किल यह है कि बांबे हाईकोर्ट ने जेट एयरवेज मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि वह एक ” बीमारू कंपनी ” को बचाने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश नहीं दे सकता है.

दरअसल, वकील मैथ्यू नेदुम्परा ने बांबे हाईकोर्ट में अपनी रिट याचिका में सरकार और आरबीआई को यह निर्देश देने की मांग की थी कि जेट एयरवेज के लिए संभावित निवेशकों की पहचान होने तक पुन : परिचालन सुनिश्चित किया जाए. याचिकाकर्ता का तर्क था कि एयरलाइन एक ” जरूरी सेवा ” है और इसे देखते हुए न्यायालय को बैकों की समिति को परिचालन फिर से शुरू करने के लिए जेट को जरूरी न्यूनतम कर्ज मदद करने का निर्देश देना चाहिए.

बीमार कंपनी को बचाने के लिए नहीं कह सकते

इस याचिका को बांबे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति एनएम जमदार की बेंच ने सिरे से खारिज कर दिया. बेंच ने कहा कि वह सरकार या रिजर्व बैंक को बीमारू कंपनी के लिए पूंजी जारी करने के लिए नहीं कह सकता. कोर्ट ने कहा , ” हम सरकार से एक बीमार कंपनी को बचाने के लिए नहीं कह सकते हैं. हम जो कर सकते हैं वह यह है कि यदि आपके पास कोई टोपी है तो हम दान पाने के लिए इसे पूरे कोर्टरूम में घुमा सकते हैं. ”  इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी है.

आईएटीए ने भी दिया झटका

इस बीच अंतरराष्ट्रीय विमानन संगठन आईएटीए ने अपनी क्लियरिंग हाउस प्रणाली की सदस्यता से जेट एयरवेज को निलंबित कर दिया है. इस कदम से जेट एयरवेज के यात्रियों के रिफंड पर असर पड़ सकता है. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) ने एक सर्कुलर में कहा कि क्लियरिंग हाउस की जेट एयरवेज की सदस्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित की जाती है. बता दें कि इस प्रणाली के तहत पैसों का इलेक्‍टॉनिक ट्रांसफर होता है.

कर्मचारियों ने सरकार से की अपील

वहीं जेट एयरवेज के कर्मचारियों और अधिकारियों ने एयरलाइन का किंगफिशर जैसा हश्र होने से रोकने के लिए सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. जेट एयरवेज ऑफिसर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष किरण पावस्कर ने कहा , ” कर्मचारियों के लिए स्थिति बहुत खराब है. आज 16,000 कर्मचारियों के पास काम नहीं है. मैंने प्रबंधन से जल्द से जल्द परिचालन फिर से शुरू करने का प्रयास करने के लिए कहा है. ”

पावस्कर ने आरोप लगाया कि जेट एयरवेज में हुई एक के बाद एक घटनाओं के पीछे कहीं से कुछ न कुछ ” इरादे ” दिखाई देते हैं.  उन्होंने इस मामले की जांच करने की मांग की है. पावस्कर ने पूछा कि एयरलाइन से सेवाएं निलंबित करने से पहले कर्मचारियों का बकाया क्यों नहीं चुकाया. पावस्कर ने कहा , ” कर्मचारी काम करने के लिए तैयार हैं. सभी कर्मचारी अपने काम में विशेषज्ञ हैं क्योंकि वह 25 साल से काम कर रहे हैं. हम कहीं भाग नहीं रहे हैं. हम यहीं रहेंगे.  ”

जेट एयरवेज के खाली स्लॉट आवंटित होंगे

जेट एयरवेज के अस्‍थायी तौर पर बंद होने की वजह से 400 से ज्‍यादा स्‍लॉट खाली हो गए हैं. ये स्‍लॉट पारदर्शी तरीके से अन्य एयरलाइन कंपनियों को आवंटित किए जाएंगे. नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला के मुताबिक मुंबई में 280 स्लॉट खाली हुए हैं जबकि दिल्ली हवाई अड्डे पर 160 से अधिक स्लॉट खाली हैं. यह दोनों हवाई अड्डे देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डे हैं.

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