National News - राष्ट्रीय

कश्मीर में पहली बार भोले भक्तों की रक्षा करेंगे NSG कमांडोज

अमरनाथ यात्रा शुरू होने में चंद रोज बाकी हैं. सीजफायर के दौरान आतंकियों के बढ़े हौसलों को देखते हुए सरकार ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा फैसला लिया है.

हिंदुस्तान के सबसे बड़े लड़ाके यानि ब्लैक कैट कमांडो अब अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे. श्रद्धालुओं का ये महाकवच आतंकियों का महाकाल साबित होगा.

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए गृहमंत्रालय ने दो दर्जन एनएसजी के कमांडो की तैनाती का फैसला किया है. यह पहली बार है जब अमरनाथ यात्रा की पहरेदारी की जिम्मेदारी एनएसजी को मिली है.

अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू हो रही है. खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक अमरनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों और सुरक्षा बलों के कैंपो पर विदेशी आतंकी बड़े पैमाने की पर हमले की साजिश रच रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी हमले के दौरान सुरक्षा बलों और नागरिकों को बंधक बना सकते हैं. NSG की क्रेक टीम दूर से मार करने वाले स्नाइपर के अलावा वाल पेनिट्रेशन राडार और ग्लोक पिस्टल से लैस है. एनएसजी का गठन 16 अक्टूबर 1984 में किया गया ताकि देश में होने वाली आतंकी गतिविधियों से निपटा जा सके.

शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने गुरुवार को कश्मीर में आगामी वार्षिक अमरनाथ यात्रा के इंतजामों की समीक्षा की. सेना के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी दी. प्रवक्ता ने बताया कि चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट और जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस पी वैद्य ने विक्टर फोर्स कमांडर, कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक और सीआरपीएफ के महानिरीक्षक के साथ मिलकर आगामी अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा एवं प्रशासनिक इंतजामों की संयुक्त समीक्षा की. इस उच्च स्तरीय संयुक्त दल ने अमरनाथ यात्रा के मार्गों का भी निरीक्षण किया और महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया.

अमरनाथ यात्रा के दौरान बौखलाए आतंकी अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. आतंकियों के ऐसे मंसूबों की भनक खुफिया एजेंसियों को बखूबी है. यही कारण है कि इस बार ब्लैक कैट कमांडोज को अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है. गौर हो कि अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा में पहले ही सुक्षाबलों की 238 कंपनियां और जम्मू कश्मीर पुलिस का बड़ा दस्ता तैनात है.

एनएसजी को यहां लगाने की वजह

सरकार अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा में जरा सी भी ढील की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती. यही वजह है कि इस बार सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाने के साथ साथ एनएसजी कमांडो को भी यात्रियों की सुरक्षा में तैनात किया गया है. अगर पाकिस्तानी आतंकी सुरक्षा घेरे को तोड़कर हमले में कामयाब हो गए और सरकार से सौदेबाजी के लिए यात्रियों को बंधक बनाने की साजिश रची तो ऐसी साजिश की चिंदियां उड़ाने के लिए एनएसजी कमांडोज बेहद जरूरी हैं.

एनएसजी के साथ साथ सीआरपीएफ की कंपनियां भी यात्रा मार्ग के चप्पे चप्पे पर नजर रखे हुए हैं. बाहर से आई सीआरपीएफ की कंपनियों को कश्मीर के हालात से रूबरू कराने के लिए पहले ही 3 दिनों का क्रैश कोर्स कराया जा चुका है और जवान हर आतंकी हमले से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

दरअसल, बालटाल और पहलगाम, दो रास्तों से होने वाली अमरनाथ यात्रा की शुरुआत दक्षिण कश्मीर से होती है और दक्षिण कश्मीर ही पिछले कुछ वक्त से आतंकियों का अड्डा बना हुआ है. इसी के चलते खुफिया एजेंसियों को शक है कि ये आतंकी अमरनाथ यात्रियों को निशाना बना सकते हैं. लेकिन सुरक्षाबल हर आतंकी साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं.

पिछले साल भी हुआ था हमला

अमरनाथ यात्रियों पर पिछले साल भी आतंकी हमला हुआ था जिसमें 7 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी. इस बार भी आतंकी साजिश का बड़ा खतरा अमरनाथ यात्रा पर मंडरा रहा है. खुफिया एजेंसियों को खबर लगी है कि सरहद के इस पार और उस पार, दोनों तरफ आस्था की इस यात्रा के खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही है.

पिछले साल 10 जुलाई को आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा पर निकले भक्तों पर हमला किया था. अमरनाथ यात्रा से लौट रही करीब 50 श्रद्धालुओं से भरी एक बस पर पाकिस्तानी आतंकियों ने अनंतनाग में अंधाधुंध गोलियां बरसा दी. हमले में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, करीब 20 यात्री जख्मी हो गए थे.

Related Articles

Back to top button