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कागजों में पतियों को मृत बता 130 महिलाओं ने उठाई विधवा पेंशन

जयपुर: विवाह के समय जन्म -जन्म का साथ निभाने का वचन देनी वाली राजस्थान की 130 महिलाओं ने विधवा पेंशन के लेने के लिए अपने पतियों को कागजों में मृत बताकर स्वयं को विधवा घोषित कर दिया।

राजस्थान के चार जिलों में ऐसे मामले सामने आए है,जिनमें महिलाओं ने अपने पतियों को विधवा बताकर दो से लेकर पांच वर्ष तक विधवा पेंशन उठाई,लेकिन अब जांच हुई तो हकीकत सामने आई । अब सरकार ने इन महिलाओं के विरूद्ध पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए हैं । हैरानी की बात यह है कि सरकारी अधिकारियों ने भी बिना जांच किए इन महिलाओं की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर पतियों को मृत बताकर इन्हे विधवा पेंशन पाने योग्य मान लिया ।

ये महिलाएं आराम से अपने घर में पति के साथ रह रहते हुए सरकार से विधवा पेंशन के नाम पर लाखों रूपए ले चुकी है । इस तरह का सबसे पहले राजस्थान के दौसा जिले में सामने आया । यहां दौसा पंचायत समिति की ओर से कराए गए सत्यापन में नांगल चांपा पंचायत की 30 महिलाएं अपने पतियों को मृतक बताकर विधवा पेंशन लेती हुई मिली । दौसा की ही सिकराय पंचायत समिति के भांड़ारेज गांव में 17 महिलाएं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विधवा पेंशन लेती हुई मिली ।

इसी तरह बांदीकुई पंचायत समिति क्षेत्र में 19 महिलाएं अपने पति को मृत बताकर पिछले चार सालों से विधवा पेंशन ले रही थी । इस तरह दौसा जिले में कुछ 66 मामले फर्जीवाडे़ के सामने आए । इस मामले में दौसा के जिला कलेक्टर नरेश शर्मा का कहना है कि महिलाओं द्वारा पतियों को मृत बताकर विधवा पेंशन उठाने के मामले सामने आने के बाद अब पूरे जिले में जांच कराई जा रही है । उन्होंने बताया कि इन विधवा पेंशन पाने वाली महिलाओं ने दस्तावेजों में अपने पति का मृतक प्रमाण पत्र लगाया था,इसी आधार पर पेंशन जारी की गई ।

अब सरकार के आदेश के बाद इन महिलाओं के खिलाफ पुलिस में मुकदमें दर्ज कराए गए है ।दौसा का मामला सामने आने के बाद कई अन्य जिला कलेक्टरों ने भी विधवा पेंशन पाने वाली महिलाओं की जांच के आदेश जारी किए है । इसी प्रकिया के तहत भरतपुर जिले में 35 महिलाएं ऐसी सामने आई,जिन्होंने दस्तावेजों में अपने पतियों को मृतक बताकर विधवा पेंशन उठाई । भरतपुर के जिला कलेक्टर एन.के.गुप्ता का कहना है कि ग्राम सेवकों को जांच के लिए कहा गया है । डूंगरपुर जिले में भी इस तरह के 18 मामले सामने आए हैं । वहीं प्रतापगढ़ जिले में इस तरह के 11मामले सामने आए हैं ।

यह है नियम
विधवा पेंशन के लिए वे ही महिलांए पात्र मानी जाती है जिनके पतियों की मौत हो गई हो । यह नियम है कि इस तरह की महिलाओं द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने एवं स्वयं के द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत करने के बाद दोनों दस्तावेजों को सरपंच एवं ग्राम पंचायत का सचिव प्रमाणित करेगा और फिर इसके बाद पंचायत समिति का विकास अधिकारी इन्हें प्रमाणित करेगा इसके बाद ही विधवा पेंशन दी जाएगी । 

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