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किसानों के हितों की खातिर कई फैसले ले सकती है केंद्र सरकार

नई दिल्ली : केंद्र सरकार देश के किसानों को खुश करने के लिए राहत और रियायतों की बारिश करेगी। किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा के बजाए सरकार सीधे उनके बैंक खातों में साल में दो बार चार से पांच हजार रुपये प्रति एकड़ पैसा भेजने की योजना लागू कर सकती है, ताकि किसान रबी-खरीफ सीजन से पहले बीज-खाद खरीद सकें। इतना ही नहीं, किसानों के फसल बीमा का प्रीमियम भी सरकार खुद वहन करेगी। किसानों को ब्याजमुक्त कृषि ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा एक लाख से दो लाख बढ़ाने की सौगात मिलने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इसका प्रस्ताव तैयार है तथा इसकी घोषणा अंतरिम बजट में 1 फरवरी को की जा सकती है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि बजट से पूर्व सरकार सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती सकती है। दरअसल, सरकार पर अंतरिम बजट में पूर्ण बजट जैसी घोषणाएं न करने का दबाव होगा। सूत्रों के अनुसार, समय पर कृषि ऋण अदा करने वाले किसानों को ब्याजमुक्त कर्ज देने की घोषणा हो सकती है। वर्तमान में किसानों को समय पर कर्ज अदा करने पर भी तीन फीसदी ब्याज देना होता है। पिछले साल आम बजट में कृषि कर्ज के लिए 15 हजार करोड़ का प्रावधान किया था। इस बार यह राशि बढ़कर 33 हजार करोड़ हो सकती है।

प्रीमियम राशि सरकार वहन करेगी
सूत्रों ने बताया कि किसानों का फसल बीमा प्रीमियम समाप्त करने की योजना है। किसानों की प्रीमियम की राशि केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि राज्य सरकार को अपना हिस्सा बीमा कंपनी को देना होगा। वर्तमान में रबी, खरीफ व बागवानी के लिए एक से तीन फीसदी देना होता है। सरकार अंतरिम बजट में फसल बीमा प्रीमियम मद में 30 हजार करोड़ का प्रावधान कर सकती है। पिछले आम बजट में यह राशि 13 हजार करोड़ रुपये थी।

बुवाई से पहले खाते में पहुंच जाएगी धनराशि
किसानों के लिए सबसे बड़ी सौगात अंतरिम राहत के रूप में 4-5 हजार रुपये प्रति एकड़ किसानों के बैंक खाते में देने की है। इस प्रकार किसानों को सालाना दस हजार रुपये खाते में दिए जांएगे। सरकार किसानों के खाते में रबी व खरीफ फसल की बुवाई से पहले उक्त धनराशि भेज देगी। विदित हो कि तेलंगाना-उड़ीसा राज्य सरकारें किसानों को अंतरिम राहत के रूप में नकद भुगतान कर रही हैं। इसके अलावा सिंचाई, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, डेयरी, कृषि बाजार (ई-नाम), मछली पालन आदि योजनाओं के बजट के लिए अधिक पैसों का प्रावधान किया जाएगा।

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