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किसान ने कहा-‘हम तो पराली जलाएंगे सरकार को जो करना हो कर ले’

नई दिल्ली : हरियाणा के किसान हरपाल सिंह ने माचिस की तीली जलाई और अपने खेतों को जला दिया। ऐसे ही किसानों के लगातार पराली जलाने के कारण खतरनाक धुंध दिल्ली की ओर बढ़ रही है। हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है, नवंबर महीना आते ही उत्तरी भारत के अधिकांश क्षेत्र वायु प्रदूषण की खराब स्थिति में पहुंच जाते हैं। स्थिति ऐसी आ जाती है कि स्कूलों को बंद करना पड़ता है और श्वास के मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है।जैसे ही सर्दियों का मौसम शुरू होता है दिल्ली का प्रदूषण 30 गुना तक बढ़ जाता है। खेतों को तैयार करने के लिए हरपाल सिंह की तरह अन्य किसान भी अपने खेतों में आग लगाकर पराली को जलाते हैं, क्योंकि ऐसा करके खेतों को जल्दी और कम खर्च में साफ किया जाता है। जबकि किसान जानते हैं कि खेतों में आग लगाना अवैध है, ऐसा करके वह दिल्ली के लाखों लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। दिल्ली के उत्तर पश्चिम में यहां से लगभग 120 किलोमीटर दूर हरियाणा राज्य के एक गांव इशगढ़ के किसान ने बताया, हमारे पास भूसे को जलाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। हम जानते हैं कि यह धुआं हवा को प्रदूषित करता है, लेकिन अवशेषों से छुटकारा पाने का यह सबसे सस्ता और आसान तरीका है। वहीं कानून के अनुसार, ऐसा करने पर 200 डॉलर तक का जुर्माना हो सकता है। सैटेलाइट इमेज में हरियाणा और पंजाब में अनगिनत जगह आग जलती दिख रही है। हरियाणा के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी केएस नारायणन ने कहा कि जुर्माना में 300,000 रुपये ($ 4100) चार्ज किए जा चुके हैं, इसके कारण कुछ क्षेत्रों में आग 40 प्रतिशत तक कम हो गई है। उन्होंने कहा, हमारा इरादा न केवल दंडकारी कार्रवाई करना है, बल्कि किसानों को शिक्षित करना भी है।खेतों की सफाई के लिए सरकार आधुनिक मशीनों पर किसानों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। इस पर 60 वर्षीय किसान कर्णेल सिंह ने कहा, हम पहले से ही कर्ज में हैं। हम सब्सिडी वाली मशीनों को भी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। मई महीने में डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष 15 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 14 शहर थे। दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहर बताया गया था। इस पर सिंह ने कहा कि प्रदूषण के लिए किसानों को दोषी ठहराया जाता है लेकिन कोई भी कारखानों, कारों, बसों को दोषी नहीं बताता है। एक अन्य किसान हरबन सिंह ने कहा, हम ऐसे ही खेतों को साफ करते रहेंगे, सरकार को जो करना हो करे। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चेतावनी दी थी कि अगर हरियाणा और पंजाब फसलों की आग पर ठोस कदम उठाने में असफल रहते हैं तो फिर से पूरा शहर गैस चैंबर में तब्दील हो जाएगा।

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