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कुरुक्षेत्र : विदेशी पर्यटक कर सकेंगे 48 कोस तीर्थों के दर्शन

कुरुक्षेत्र : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के जिला कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, जींद और कैथल की भूमी के कण-कण में गौरवशाली इतिहास छिपा हुआ है। इस इतिहास को विश्व के हर कोने में जाना जाता है। इसलिए राज्य सरकार दुनिया भर के पर्यटकों को 48 कोस के तीर्थो के दर्शन करवाने के लिए एक परिक्रमा तैयार कर रही है। इस परिक्रमा तक पर्यटकों को लाने और ले जाने के लिए विशेष बस सेवा भी शनिवार से शुरु की जा रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल शुक्रवार को 48 कोस कुरुक्षेत्र के तीर्थो की परिक्रमा करने से पहले बीड़ पिपली के रणतुक यक्ष तीर्थ पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। हाल ही में उत्तराखंड से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके व हार का मुंह देख चुके जयराम विद्यापीठ संस्थाओं के संचालक ब्रहमस्वरुप ब्रहमचारी भी आज मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में नजर आए।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल, लाडवा के विधायक, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती, भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभगवान शर्मा डीडी, केडीबी के मानद सचिव अशोक सुखीजा, भाजपा के जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर ने सबसे पहले बीड़ पीपली के रणतुक यक्ष में चिटा मंदिर में पहुंच कर भगवान शिव की आराधना की और महंत अरविंद दास ने इस तीर्थ स्थल के इतिहास के बारे में विस्तृत प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने अपनी तीर्थ परिक्रमा में कुरुक्षेत्र के गांव बीड़ पिपली के रणतुक यक्ष, अमीन के अभिमन्यू टीले, गांव दयालपुर के बाण गंगा तीथ, गांव किरमच के कुलतारण तीर्थ, गांव कमोदा के काम्यक तीर्थ, ज्योतिसर में गीता उपदेश स्थली ज्योतिसर तीर्थ, नरकरतारी में भीष्मकुंड तीर्थ स्थल के साथ-साथ पिहोवा के गांव सारसा में शालीहोत्रा, मांगना के सप्तसारास्वत, गुमथला गढ़ के सोम तीर्थ, पिहोवा के सरस्वती तीर्थ व भौंर सैंयदा के भूर्षिर्वा तीर्थ की भी परिक्रमा की है।

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