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केरल के कोझीकोड में निपाह वायरस से नौ लोगों की मौत

तिरुवंतपुरम : केरल में निपाह वायरस से 9 की जान चली गई, मरने वालों में एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं, चार की हालत गंभीर है। 25 लोगों को निगरानी में रखा गया है। इस बीच पुणे वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट ने खून के तीन नमूनों में निपाह वायरस होने की पुष्टि की है। केरल सरकार ने इस पर केंद्र से तत्काल मदद मुहैया कराने की गुहार लगाई है। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एनसीडीसी की टीम को केरल का दौरा करने का आदेश दिया। राज्य सरकार की गुहार पर केंद्र से नेशनल सेंटर फॉर डीसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम केरल में निपाह वायरस प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस संबंध में एक कमेटी गठित की है, जो बीमारी की तह तक जाने में जुटी है। इसके साथ वायरस की जद में ज्यादा लोग न आ सकें, इसके लिए उपाय किए जा रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों पर आक्रमण करता है। 1998 में पहली बार मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में इसके मामले सामने आए थे। इसीलिए इसे निपाह वायरस नाम दिया गया। पहले इसका असर सुअरों में देखा गया। 2004 में यह बांग्लादेश में इस वायरस के प्रकोप के मामले सामने आए थे। बताया जा रहा है कि केरल में यह पहली बार फैला है। इस वायरस से प्रभावित शख्स को सांस लेने की दिक्कत होती है फिर दिमाग में जलन महसूस होती है। वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मौत हो जाती है। इसकी इंसान या जानवरों के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। इससे प्रभावित शख्स को आईसीयू में रखकर इलाज करना होता है। गंदे और अन्य जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए। इस बीमारी से बचने के लिए खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए।

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