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केवल पढ़ाई नहीं..नन्हे बच्चों से यह जरूर करवाएं, तभी होंगे सक्सेसफुल

imagesक्या आप अपने बच्चों को घरेलू काम करने के लिए कहते हैं या उन्हें बस किताबों में घुसे रहने का सबक देते हैं? मिनेसोटा यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मार्टी रॉसमैन के शोध के मुताबिक बच्चों को शुरुआती दिनों से ही घर के छोटे-मोटे काम करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। घरेलू कामकाज करने से बच्चे ज्यादा भावनात्मक और प्रोफेशनल बन पाते हैं। इससे बच्चों के अंदर जिम्मेदारी और दूसरों की मदद का भाव पैदा होता है और वे जल्द से जल्द आत्मनिर्भर बन पाते हैं।

आपको बच्चों को उनकी क्षमता के अनुरूप कोई न कोई घरेलू काम सौंपना चाहिए और उसे पूरा करने की डेडलाइन भी तय करनी चाहिए। बच्चों से घर के काम करवाने के इतने फायदे हैं कि आप चकित रह जाएंगे।

आज के दौर में हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा इस दुनिया में तेजी से अपने सपने पूरे करे। इन सपनों को पूरा करने के लिए माता-पिता अच्छी शिक्षा दिलाने का प्रयास करते हैं और उन्हें हर तरह की सुख-सुविधा देते हैं। इस सबके बीच में वे इस बात को भूल जाते हैं कि इस दुनिया में किताबी ज्ञान की बजाय व्यावहारिक ज्ञान रखने वाले लोग ही सफल हो पाते हैं। आज कई बच्चे पढ़ाई-लिखाई में काफी बेहतर प्रदर्शन करते हैं, पर उन्हें व्यावहारिक दुनिया के बारे में कोई समझ नहीं है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उनके माता-पिता ने उनसे कभी घरेलू काम नहीं करवाए। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जब ये बच्चे प्रोफेशनल लाइफ में कदम रखते हैं तो उन्हें एक अलग ही दुनिया नजर आती है। उन्हें लगता है कि यहां तो किताब में बताया गया संसार है ही नहीं। ऐसे में उनका आत्मविश्वास काफी कम हो जाता है और वे जीवन में सफल नहीं हो पाते। आपको बच्चों को शुरुआती दौर से ही सिखाना चाहिए कि घर के काम करने में किसी तरह की शर्म नहीं है।

नई चीजें सीखने का मिलेगा मौका
ब्राउन रिसर्च के अमरीका में हुए एक सर्वे के मुताबिक जिन युवाओं ने बचपन से ही घरेलू कामों में अपने माता-पिता का हाथ बंटाया था, वे दुनिया की विभिन्न परेशानियों को सहजता से झेल पाते हैं और जिन युवाओं ने बचपन में किसी तरह का घरेलू काम नहीं किया, उन्हें हर कदम पर मदद की जरूरत पड़ती है। घर के काम करने से बच्चों को नई चीजें सीखने का मौका मिलता है। बच्चों को बचपन से ही काम के महत्व को समझाना चाहिए।

कुछ माता-पिता सोचते हैं कि बच्चों को घरेलू काम करने के लिए प्रेरित करना उनके साथ अन्याय है। वे अपने बच्चों को किसी तरह का शारीरिक श्रम नहीं करने देते। इससे आगे चलकर बच्चों की आदत बिगड़ जाती है और वे काम से बचने की आदत विकसित कर लेते हैं। ‘राइजिंग कैन- डू किड्सÓ के सह-लेखक रिचर्ड रेन्डे कहते हैं कि माता-पिता बच्चों को सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं, पर वे उन्हें घरेलू काम करने से रोकते हैं। इस विरोधाभास के कारण बच्चे सही मायनों में सफल नहीं हो पाते।

दूसरों की मदद से मिलती है खुशी
वर्ष 2002 में डॉ. रॉसमैन ने 84 बच्चों के अलग-अलग जीवनकाल से जुड़े डाटा का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि जिन बच्चों ने तीन या चार साल की उम्र से घरेलू काम करना शुरू कर दिया था, उनके परिवार और दोस्तों के साथ अच्छे संबंध रहे। जिन बच्चों ने किशोरावस्था में घरेलू काम करना शुरू किया, उनके संबंध ज्यादा अच्छे नहीं थे। हॉर्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के साइकलोजिस्ट रिचर्ड वेइसबोर्ड कहते हैं कि घरेलू काम करने से बच्चों को कई तरह के सबक मिलते हैं। उन्हें महसूस होता है कि दूसरों की जरूरतों को किस तरह से पूरा किया जाना है और किस तरह दूसरों की भावनाओं की कद्र करनी है।

अपने शोध के लिए वेइसबोर्ड ने दस हजार स्टूडेंट्स का अध्ययन किया और उनसे पूछा कि वे किस चीज को ज्यादा महत्व देते हैं- उपलब्धि, खुशी या दूसरों की परवाह। लगभग 80 फीसदी स्टूडेंट्स ने दूसरों की परवाह की जगह पर उपलब्धि और खुशी को महत्व दिया। वेइसबोर्ड कहते हैं कि विभिन्न शोधों के मुताबिक निजी खुशी स्थाई रूप से तभी मिलती है, जब हमारे पास मजबूत रिश्ते हों। बड़ी सफलता से बड़ी खुशी मिलेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं दे सकता। ऐसे में बच्चों को घरेलू काम करवाने से वे दूसरों के प्रति मदद की भावना रखना सीखते हैं।

बच्चों को दीजिए धन्यवाद
टीच योअर चिल्ड्रन वेल की लेखिका और साइकलोजिस्ट मेडलिन लेविन कहती हैं कि अब जब अगली बार आपका बच्चा आपसे घर का काम छोड़कर होमवर्क करने के लिए कहे तो उससे कहें कि पहले घर का काम पूरा करो और उसके बाद होमवर्क करना है। आपको अपने बच्चों को सिखाना होगा कि ग्रेड्स या उपलब्धियों की बजाय दूसरों की मदद करना ज्यादा जरूरी है। इसी से सच्ची खुशी मिलती है। चाइल्ड डवलपमेंटÓ जर्नल के 3 से 6 वर्ष के 149 बच्चों पर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर आप बच्चों को
काम करने पर धन्यवाद देते हैं तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। बच्चों की हर काम में मदद करने से उनका विकास रुक सकता है। जब बच्चों की एक सकारात्मक पहचान बनती है तो वे ज्यादा प्रेरित होते हैं।

घरेलू काम करवाने के तरीके

समय तय करें
आपको कैलेंडर में बच्चों के घरेलू काम का समय तय करना चाहिए। बच्चों को इस कैलेंडर को फॉलो करने के लिए कहना चाहिए और ध्यान रखना चाहिए कि वे नियमित रूप से समय पर घरेलू काम कर रहे हैं या नहीं।

खेल तैयार करें
वीडियो गेम की तरह बच्चों को पहले जिम्मेदारियों का शुरुआती लेवल पार करने दें। इसके बाद अगले चरण में बड़ी जिम्मेदारियां दें। शुरुआत में उनसे धुलने के कपड़े मंगवाएं। बाद में उन्हें वॉशिंग मशीन इस्तेमाल करने के लिए कहें। इससे बच्चों को सीखने में भी मजा आएगा।

तोहफा न दें
रिसर्च बताती हैं कि बाहरी तोहफों से प्रेरणा और प्रदर्शन पर नकारात्मक असर पड़ता है। अगर आप घरेलू काम के बदले बच्चों को पैसे देते हैं तो वे इसे बिजनेस की तरह देखने लगते हैं और इसका सकारात्मक असर कम हो जाता है।

उचित काम करने को दें
बच्चों के अंदर सामाजिक गुण पैदा करने के लिए आपको उन्हें उचित काम देने चाहिए। आपके काम ऐसे होने चाहिए, जिनसे दूसरों की मदद हो। आपको उन्हें ऐसे काम नहीं देने चाहिए, जिनके कारण खुद उनकी मदद होती हो। आपको उन्हें अपना कमरा संवारने के बजाय लिविंग रूम की धूल साफ करने का काम सौंपना चाहिए।

भाषा पर ध्यान दें
आपको बच्चों से यह नहीं कहना चाहिए कि अपना घरेलू काम करो। इसके बजाय आपको कहना चाहिए कि आओ, अपना घरेलू काम करते हैं। इससे उन्हें महसूस होगा कि घरेलू काम सिर्फ एक ड्यूटी नहीं है, बल्कि एक-दूसरे की परवाह करने का तरीका है।

सजा के तौर पर न करवाएं
घरेलू कामों को सजा के तौर पर पेश करना बहुत गलत है। घरेलू काम की शिकायत भी न करें। अगर आप ऐसा करेंगे तो बच्चे भी इसे एक आफत ही समझेंगे। इसके बजाय आपको घरेलू काम को मनोरंजक और सकारात्मक बनाना चाहिए।

 

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