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कैलकुलेशन में कंप्यूटर और कैलकुलेटर को भी मात दे रहे हैं वैदिक गणित आचार्य दीपक शर्मा

वैदिक गणित के आचार्य दीपक शर्मा जी ने बताया की कैसे वैदिक गणित उन गणनाओं को भी चुटकियों में हल कर देता है जिनको करने में कैलकुलेटर भी हाथ खड़े कर देता है !

वैदिक गणित सीखकर बहुत से विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं | कुछ सूत्रों को सीखने के बाद ही कोई भी सामान्य गणित जानने वाला बच्चा इतनी तेज़ी से गणित के सवाल हल करने लगता है कि देखने वाला दांतों तले अंगुली दबा लेता है | चाहे आधुनिक पाठ्यक्रम पर आधारित गणित के प्रशन हो या फिर किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के जटिल से जटिल सवाल हो वैदिक गणित सीखकर कोई भी अभ्यार्थी 5 से 10 गुना तेज़ी से सवाल हर कर सकता है|

वैदिक गणित के सूत्रों से न केवल गणना बहुत तेज़ी से की जा सकती है बल्कि यह बहुत ही मनोरंज़क व रोचक विधि भी है जिसमे कॉपी पर एक भी अंक लिखे बिना मन-मन में ही गणना करके बड़ी से बड़ी कैलकुलेशन बहुत सटीक व सहजता से की जा सकती हैं |

गणित की परीक्षा में जहाँ अधिकतर बच्चे निर्धारित समय 3 घंटे में भी पूरा पेपर हल नही कर पाते वहीँ दूसरी तरफ आचार्य दीपक शर्मा द्वारा तैयार वैदिक गणित की सरलता से समझ आने वाली पुस्तक केवल डेढ़ से 2 महीने में ही पढ़कर व अभ्यास करके बच्चे आधे से भी कम समय में पूरा प्रश्न-पत्र हल कर देते हैं | और गणना करने में गलतियाँ करने की सम्भावना भी 90 प्रतिशत तक कम हो जाती हैं |

अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो गणित के प्रश्न सैकिंड़ो में हल करने के लिए वैदिक गणित से बेहतर सूत्र कोई भी नही हैं |

जहाँ कैलकुलेटर व कंप्यूटर फेल वहाँ वैदिक गणित दिखायेगा कमाल -:

2011 में व्यावसायिक प्रबन्धन में परा-स्नातक करने के बाद पिछले 7 सालों से लगातार वैदिक गणित पर शोध कर रहे आचार्य दीपक शर्मा ने बताया कि गणित की सामान्य गणनाएं करने के लिए हम आमतौर पर कैलकुलेटर का सहारा लेते हैं और यदि थोड़ी बड़ी गणनाए करनी पड़ जाये जहाँ उत्तर 15 से 20 अंकों में आता है तो कैलकुलेटर हमारे लिए व्यर्थ हो जाता है और फिर हम इससे बड़ी गणनाओं के लिए कंप्यूटर का सहारा लेते हैं | लेकिन ये तो सच्चाई है ही कि कंप्यूटर मनुष्य की ही बनाई हुई एक डिवाइस है, इसकी भी कुछ लिमिट तो होती ही है |

जब कंप्यूटर की भी वो सीमा समाप्त हो जाती है तो फिर हम क्या करेंगे ? आपको जानकर हैरानी होगी कि वैदिक गणित के ये सूत्र वहां भी काम करेंगी और वो भी इतनी ही सरलता के साथ जितनी कि सामान्य गणनाएँ करने में करते हैं | वैदिक गणित की कोई सीमा नही है यह अनन्त गणनाएँ केवल पलक झपकते ही कर सकता है | बस आवश्यकता है इसे गहरे से समझने की |

वैदिक गणित से सामान्य गुणा, भाग, वर्ग, वर्गमूल, घन, घनमूल आदि तो बहुत सरलता से की जा सकती हैं जैसे गुणा करना (Multiply)-:

98×87=?

992×985=?

988×93=?

इसके अलावा 2 से अधिक संख्याओं की गुणा भी एक साथ की जा सकती हैं |

इसी प्रकार सामान्य संख्याओं का भाग (Divide) करने के अलावा 984756338836 ÷ 7487818 = ?   या इससे भी जटिल व बड़ी संख्याओं का भाग भी बिना किसी परेशानी के अंगुलियों पर किया जा सकता है |

यदि आप 10 अंकों की या इससे भी अधिक बड़ी संख्याओं की गुणा करना चाहते हैं तो आप वैदिक गणित के उर्ध्व्तिर्यक सूत्र द्वारा सीधे उत्तर निकाल सकते हैं कोई भी रफ कार्य करने या एक भी अतिरिक्त अंक आपको कहीं लिखने की आवश्यकता नही पड़ेगी |

जैसे –: 9875878456 × 6438639764=?

वैदिक गणित की कोई भी सीमा नही है यह अनंत गणनाएँ ऐसे ही कर देता है कि कोई यकीन भी न कर पाए | ये 10 अंकों की ही नही 20-30-50……………………. इतने अधिक अंकों की संख्याओं की गुणा, भाग वर्ग-वर्गमूल, घन-घनमूल आदि सब कर सकता है | वैदिक गणित का कार्यक्षेत्र ब्रह्मांड के तारों व आकाशगंगाओं की तरह असीमित व अनन्त है | लेकिन इसे सीखना अधिक मुश्किल नही है वैदिक गणित के सूत्र आधुनिक गणित से भी कम समय में सरलता से सीखे जा सकते हैं |

Vedic Mathematician Acharya Deepak Sharma
Vedic Mathematician Acharya Deepak Sharma

वैदिक गणित के महत्व को लिखने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं | बस निष्कर्ष के तौर पर ये कहना चाहते हैं कि गणित की कोई भी गणना या प्रश्न कितना ही टेढ़ा क्यों न हो वैदिक गणित उसको सीधा करना जानता है | आचार्य दीपक शर्मा जी वैदिक गणित को निरंतर सरल और सुगम बनाने के कार्य में लगे हुए हैं | इसी उदेश्य की पूर्ति लिए उन्होंने पिछले साल हरियाणा के जींद जिले में वैदिक गणित शोध संस्थान नामक संस्था की नींव डाली जो निरंतर वैदिक गणित के प्रचार प्रसार के काम में लगी हुई है | आचार्य जी पूरे भारत में स्कूल, गुरुकुल या किसी इंस्टिट्यूट आदि में वैदिक गणित की  10 दिनों की कार्यशाला लगाते हैं जिनमे स्कूली छात्र व कम्पीटीशन की तैयारी करने वाले अभ्यार्थी लाभ पाते हैं | इसके अलावा स्वयं पढ़ कर वैदिक गणित सिखाने के लिए आचार्य जी ने अब तक वैदिक गणित की तीन पुस्तकें प्रकाशित करवा चुकी हैं :-

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