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कोयले की खदान में फंसे हैं 15 मजदूर : उच्चतम न्यायालय ने लगायी फटकार, कहा-चमत्कार तो भी होते हैं

  • नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने असुरक्षित खनन पर 2014 से प्रतिबंध लगा रखा है, इसके बावजूद अवैध खनन जारी

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और मेघालय सरकार को कहा कि वह पूर्वी जयंतिया हिल्स में खदान में फंसे खनिकों को निकालने के लिए विशेषज्ञों की मदद ले। जस्टिस ए. के. सीकरी की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि चमत्कार भी होते हैं, रेस्क्यू की कोशिशें जारी रखें। कोर्ट ने दोनों सरकारों से कहा, रेस्क्यू की अपनी कोशिशें जारी रखें। क्या पता कम से कम कुछ खनिक अब भी जिंदा हों? चमत्कार भी तो होते हैं। उच्चतम न्यायालय ने इस दौरान अवैध खनन को लेकर सरकार को फटकार भी लगाई। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अवैध खदानों को चलाने वाले लोगों और इसकी इजाजत देने वाले अधिकारियों का क्या हुआ? गौरतलब है कि मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्‍स जिले में 13 दिसंबर से ही एक अवैध कोयला खदान में 15 खनिक फंसे हुए हैं। खनिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कवायद चल रही है, लेकिन इतना लंबा वक्त गुजर जाने की वजह से खदान में फंसे खनिकों का जिंदा होना चमत्कार ही होगा। 13 दिसंबर को 370 फीट गहरे कोयला खदान में नदी का पानी भर जाने से सुरंग का रास्‍ता बंद हो गया था। तब से इसमें फंसे 15 खनिकों को बाहर निकालने की कोशिशें की जा रही हैं। सुरंग से पानी निकालने के लिए 2 पंप भी लगाए गए हैं। गौरतलब है कि हादसे से दो दिन पहले 11 दिसंबर को पूर्वी जयंतिया जिले में एक और अवैध कोयला खदान में भी दो खनिकों के शव मिले थे। इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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