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खड़गे बोले- स्पीकर का चुनाव और बहुमत है पहली प्राथमिकता, मंत्रिमंडल पर बाद में होगी चर्चा

कर्नाटक में कांग्रेस और जदएस के बीच मंत्रिमंडल विस्तार के फार्मूले लगभग तैयार हैं, लेकिन असली पेंच उपमुख्यमंत्री को लेकर फंसा है। कांग्रेस चाहती है कि संतुलन बनाए रखने के लिए दो उपमुख्यमंत्री पार्टी के हों लेकिन जदएस ने इस प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। साझा सरकार में दलित और मुस्लिमों की भागीदारी के साथ लिंगायत समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना भी दोनों पार्टियों के लिए जरूरी हो गया है। बता दें कि कांग्रेस से लिंगायत समुदाय के 14 और जद एस से 4 विधायक चुनाव जीतकर आए हैं।

खड़गे बोले- स्पीकर का चुनाव और बहुमत है पहली प्राथमिकता, मंत्रिमंडल पर बाद में होगी चर्चाखबर है कि आज कांग्रेस-जदएस विधायकों और नेताओं की बंगलूरू में बैठक होने जा रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद कुमारस्वामी कैबिनेट का सस्पेंस खत्म हो सकता है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “हमारा पहला उद्देश्य स्पीकर का चुनाव है, इसके बाद बहुमत परीक्षण पर बात होगी। इन दोनों के पूरा होने के बाद ही अन्य चीजों पर चर्चा की जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस चाहती है कि उपमुख्यमंत्री की दो पद हों लेकिन जदएस इससे वाकिफ नहीं रखती है। चूंकि कांग्रेस के पास ज्यादा विधायक हैं इसलिए उसे कैबिनेट में ज्यादा पद मिल सकते हैं। अगर सीएम और उपमुख्यमंत्री का एक पद जदएस को मिलता है तो कांग्रेस को स्पीकर का पद चाहिए। कांग्रेस के डिप्टी सीएम के रूप में दलित चेहरे जी परमेश्वर का नाम सामने आ रहा है। परमेश्वर इस समय कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह साल 2013 में सीएम बनने से चूक गए थे।

कुमारस्वामी ने भरोसा जताया कि सभी चीजें आपसी सहमति से तय हो जाएंगी। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि आधिकारिक बातचीत की बात सार्वजनिक होने से विवाद पैदा हो सकता है। इससे कांग्रेस और जदएस गठबंधन पर बुरा असर पड़ सकता है।

सोमवार को एचडी कुमारस्वामी ने सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान तीनों नेताओं ने कर्नाटक में मंत्रिमंडल गठन और दोनों पार्टियों के बीच पोर्टफोलियो बंटवारे पर चर्चा की। राहुल गांधी के तुगलकाबाद स्थित आवास पर हुई बैठक में मंत्रिमंडल गठन पर 20 मिनट चर्चा हुई।

बैठक से पहले कुमारस्वामी ने कहा था कि दोनों पार्टियों के बीच किसी तरह की सौदेबाजी नहीं होगी। दोनों साथ मिलकर काम करेंगे। वह कांग्रेस नेतृत्व से सलाह लेने आए हैं। बैठक के बाद जदएस नेता ने बताया कि उन्होंने राहुल और सोनिया को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है और दोनों बंगलूरू पहुंच रहे हैं। उनके अलावा कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

राहुल गांधी ने कुमार स्वामी के साथ मुलाकात के पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के रणनीतिकारों अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद और राज्य के प्रभारी केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक कर सरकार में कांग्रेस की भूमिका एक खाका खींचा है। जिसे मंगलवार की बैठक में जद एस के साथ अंतिम रूप दिया जाना है। कांग्रेस कतई नहीं चाहती है कि पहले से मंत्रियों के नामों की घोषणा हों और पार्टी में मतभेत उभरें।

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