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खड़े होकर पानी कतई न पीयें, अगर रहना है सेहतमंद

नयी दिल्ली। कहा गया है कि जल ही जीवन है। शरीर को जीवित रखने के लिए पानी पीना काफी अहम कारक है। लेकिन पानी पीने का तरीका सही होना चाहिए। जानकारी के अभाव में हम अक्सर खड़े होकर पानी पी लेते हैं जिससे हमारी पाचक किय्रा पर असर पड़ता ही है, पेट पर उसका सीधा असर पड़ता है जो कई तरह की दुष्पप्रभाव छोड़ जाता है।

1. आयुर्वेद के मुताबिक, जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो, इससे हमारे पेट पर अधिक प्रेशर पड़ता है, क्योंकि खड़े होकर पानी पीने पर पानी सीधा इसोफेगस के जरिए प्रेशर के साथ पेट में तेजी से पहुंचता है। इससे पेट और पेट के आसपास की जगह और डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा खड़े होकर पानी पीने से शरीर को इससे मिलने वाले किसी भी न्यूट्रिएंट्स का फायदा नहीं होता है।
2. खड़े होकर पानी पीने से पानी प्रेशर के साथ पेट में जाता है, जिससे सभी इंप्योरिटीज ब्लैडर में जमा हो जाती हैं, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
3. पानी पीने का तरीका हमारी सेहत को कई तरह से प्रभावित करता है, क्योंकि पानी के प्रेशर से शरीर के पूरे बायोलॉजिकल सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है। इससे जोड़ों के दर्द की समस्या हो जाती है।
4. खड़े होकर पानी पीने से फेफड़ों पर भी बुरा असर पड़ता है क्योंकि इससे हमारे फूड पाइप और विंड पाइप में ऑक्सीजन की सप्लाई रूक जाती है। अगर कोई शख्स लगातार खड़े होकर पानी पीता है तो उस व्यक्ति को फेफड़ों के साथ-साथ दिल संबंधी बीमारी होने की संभावना भी अधिक होती है।
5. खड़े होकर पानी पीने से प्यास कभी नहीं बुझती है, यही कारण है कि पानी पीने के कुछ मिनट बाद ही आपको फिर से प्यास लगने लगती है। इसलिए बेहतर होगा कि बैठकर आराम से पानी पिएं।
6. जब हम बैठकर पानी पीते हैं तो हमारी मांसपेशियां और नर्वस सिस्टम बहुत रिलेक्स रहते हैं। साथ ही खाना जल्दी डाइजेस्ट हो जाता है।
7. इसलिए हमेशा बैठकर ही पानी पीने की कोशिश करें. इस तरह से पानी का फ्लो धीमा रहेगा और शरीर को जरूरी न्यूट्रिएंट्स भी मिलेंगे।

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