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खतरे के निशान पर पहुंची काली नदी, आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट

भारी बारिश के चलते धारचूला में काली नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। उफनाई काली नदी के रौद्र रूप से इसके तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग दहशत में हैं। झूलाघाट में तालेश्वर, गेठिगाड़ा, कानड़ी, सीमू, बलतड़ी, तड़ीगांव के लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की है। मौसम विभाग ने नौ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है।

टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच निर्माण कार्य, कीचड़ और मलबे के चलते अलग-अलग समय में करीब चार घंटे जाम रहा। मंगलवार से बंद धूनाघाट-बरमतौला सड़क बुधवार को भी नहीं खुल सकी। कोटाबाग ब्लॉक में कोटाबाग-बांसी सड़क सलुआ गांव के पास मलबा आने से बंद हो गई है। इससे दोनों ओर वाहन फंस गए। सड़क बंद होने से ग्रामीणों की सब्जी और उत्पाद भी सब्जी मंडी तक नहीं पहुंच पाए।

नौ जिलों में आज भारी बारिश का अलर्ट
प्रदेश के नौ जिलों में बृहस्पतिवार को बहुत भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी कर अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राजधानी देहरादून के साथ ही नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। वहीं प्रदेश के अन्य इलाकों में भी बादल छाये रहने और बारिश होने का अनुमान है। ज्यादातर इलाकों में गरज और चमक के साथ तेज बौछारें पड़ सकती हैं।

मौसम केंद्र ने 15 जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। साथ ही एडवाइजरी जारी कर अतिरिक्त सावधानी बरतने को भी कहा है। मौसम विभाग ने इस दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका व्यक्त की गई है। वहीं, हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही रोकने का सुझाव भी दिया है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि फिलहाल 19 जुलाई तक प्रदेश में बारिश का क्रम बना रहेगा।

मोहंड रो में डंपर सहित फंसे दो युवक
मोहंड रो नदी में अचानक तेज पानी के आने से खनन सामग्री भरे डंपर सहित दो युवक नदी के बहाव में फंस गए। शोर शराबा सुनकर ग्रामीणों की मदद से बाढ़ चौकी के कर्मचारियों ने रेस्क्यू कर दोनों युवकों को सकुशल बाहर निकाला।

बुधवार तड़के पहाड़ों पर हुई तेज बारिश से बुग्गावाला क्षेत्र की मोहंड रो नदी ऊफान पर आ गई। इसी दौरान सुबह लगभग सात बजे खनन सामग्री भरकर आ रहा डंपर को नदी के पानी ने अपनी चपेट में ले लिया। पानी का बहाव बढ़ता देख डंपर चालक और परिचालक ने खुद को बचाने का प्रयास किया, लेकिन वे फंसते चले गए। इसके बाद चालक और परिचालक के शोर मचाने पर गोकुलवाला निवासी पूर्व प्रधान रिजवान अहमद और ग्रामीणों की मदद से तेलपुरा बाढ़ चौकी कर्मचारियों ने रस्से की मदद से रेस्क्यू कर दोनों युवकों को सकुशल बाहर निकाला।

तेलपुरा बाढ़ चौकी प्रभारी देवेंद्र चौधरी ने बताया कि मोहंड रो नदी में फंसे छुटमलपुर निवासी फजूल और रुड़की निवासी इकराम को सकुशल बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि पहाड़ों पर बारिश होने से नदियां अचानक उफान पर आ जाती हैं। बाढ़ चौकी टीम हर वक्त तैयार रहकर नदी के आसपास घूमती है। किसी के पानी में फंसे होने की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करने जाती है।

दिनभर रही बारिश के कारण पहाड़ी से गिरते रहे पत्थर
ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुधवार सुबह बाईपास में भारी मलबा आने से रोड़ बंद हो गई। जिससे मार्ग पर ढाई घंटे तक यातायात पूरी तरह से ठप रहा। सड़क बंद होने से छात्र-छात्राएं स्कूल नहीं पहुंच पाए। आधे घंटे बाद जेसीबी मौके पर पहुंची। लेकिन पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण मलबा हटाने का काम देर से शुरू हो पाया। उसके बाद साढ़े नौ बजे राजमार्ग पर यातायात बहाल हो पाया।

बुधवार सुबह हुई तेज बारिश से यहां बाइपास में पहाड़ से काफी मलबा सड़क पर गिर गया। जिससे राजमार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। सड़क बंद होने से माउंट कार्मल स्कूल के बच्चे स्कूल नहीं जा पाए। स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क पर मलबा आने के दो घंटे बाद पहुंची जेसीबी ने मलबा हटाना शुरू किया। उसके बाद राजमार्ग पर करीब 10 बजे वाहनों की आवाजाही बहाल हो पाई।

दिनभर रही बारिश से वहां पर कई बार मलबा गिरने से सड़क बाधित होती रही। मौके पर तैनात की गई मशीन से मलबा हटाने के बाद यातायात सुचारू करते रहे।मौके पर तैनात तहसीलदार डीएस भंडारी ने बताया कि सवा सात बजे मलबा आने के आधा घंटे बाद मशीन पहुंच गई थी। साढ़े नौ बजे मार्ग खोल दिया गया। जबकि एनएच के ईई कैलाश जोशी ने बताया कि बीस मिनट बाद मशीन मौके पर पहुंच गई थी। लेकिन पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण समय लगा। नौ बजे एनएच पर यातायात बहाल कर दिया गया था।

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