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बड़ी खुशखबरी: RBI के बड़े ऐलान, अब कम होगी आपकी EMI

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट में 0.25% कटौती के फैसले पर अपनी मुहर लगाई है. जिससे अब रेपो 6.50% से घटकर 6.25% हो गया है. दरअसल आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है. एमपीसी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती के फैसले का समर्थन किया, जबकि विरल आचार्य और चेतन घाटे रेपो रेट में कटौती के पक्ष में नहीं थे.

होम लोन होगा सस्ता

आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती का फायदा अब आम आदमी को भी मिलने वाला है. जल्द ही बैंक होम लोन के ब्याज दरों में कमी का ऐलान कर सकते हैं. होम लोन के ब्याज दर में कटौती से लोगों की EMI कम होगी. क्योंकि अब बैंकों को आरबीआई से सस्ती फंडिंग मिलेगी, जिसका सीधा असर बैंक लोन पर पड़ेगा. बैंक लोन सस्ता होने से आपकी EMI या लोन रीपेमेंट पीरियड में कटौती का फायदा मिलेगा.

GDP को लेकर RBI का ये अनुमान  

जबकि रिवर्स रेपो रेट भी घटाकर 6.00 फीसदी कर दिया गया है. आरबीआई के गनर्वर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.4 रहने का अनुमान है. जबकि उन्होंने बताया कि खुदरा महंगाई दर के जनवरी-मार्च में 2.4 फीसदी और अप्रैल-सितंबर में 3.2-3.4 फीसदी रहने का अनुमान है.

शक्तिकांत दास ने बताया कि आरबीआई ने किसानों के लिए कर्ज की सीमा बढ़ा दी है. बिना किसी गिरवी के किसानों के लिए कृषि कर्ज सीमा की 60,000 रुपये बढ़ा दी गई है. किसान अब बिना किसी गारंटी के 1.60 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं.

वहीं रेपो रेट में कटौती के साथ आरबीआई का कहना है कि बैंकों को जमा दरें संतुलित रखने की जरूरत है. एनबीएफसी में बैंकों के एक्सपोजर नियम बदले गए हैं, फरवरी अंत तक एनबीएफसी के लिए नए नियम जारी कर दिए जाएंगे.

दिसंबर में आरबीआई ने दिया था संकेत

अब तक आरबीआई का रेपो रेट 6.50 फीसदी था, और लोग आरबीआई से कटौती की उम्मीद कर रहे थे. इससे पहले, दिसंबर 2018 में अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने ब्याज दरों में परिवर्तन नहीं किया था, लेकिन उस वक्त आरबीआई की ओर से कहा गया था कि अगर मुद्रास्फीति का जोखिम नहीं हुआ तो भविष्य में रेपो रेट में कटौती संभव है. और अब आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर दी है.

गौरतलब है कि इससे पहले आरबीआई ने 1 अगस्त 2018 को रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था. केंद्रीय बैंक ने पिछली तीन मौद्रिक समिति बैठक में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. हालांकि इससे पहले मौजूदा वित्त वर्ष में दो बार 0.25-0.25 फीसदी की बढ़ोतरी जरूर की गई थी.

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