राष्ट्रीयलखनऊ

गन्ना समर्थन मूल्य तय नहीं, समय से पेराई का दावा

sugarcaneलखनऊ। राजधानी लखनऊ में मंगलवार को दो घंटे तक चली मैराथन बैठक में गन्ना समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं हो पाया। हालांकि सरकार का दावा है कि इस वर्ष पेराई का काम समय से शुरू हो जाएगा। इस बीच आज ही संपन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चीनी मिलों को गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान करने के लिए 6 रुपये प्रति क्विंटल की सहायता 20 नवंबर तक करने की स्वीकृति दे दी गई। आज राजधानी स्थित गन्ना संस्थान में गन्ना समर्थन मूल्य निर्धारित करने हेतु बैठक बुलाई गई थी। इसकी अध्यक्षता गन्ना आयुक्त सुभाष शर्मा ने की। हालांकि दो घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका। अंततः गन्ना आयुक्त ने दोनों पक्षों को सुनकर 28 अक्टूबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में विचार करने की बात कही। दरअसल बैठक के दौरान किसान गन्ने का मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल मांग रहे थे जबकि मिलों के प्रतिनिधि इसके लिए राजी नही थे। किसान लागत मूल्य अधिक होने का हवाला दे रहे थे। उनका तर्क था कि मानसून कमजोर रहने से इस बार फसल की सिंचाई अधिक करनी पड़ी। साथ ही पर्याप्त बिजली न मिलने के कारण उन्हें डीजल पंपों का सहारा लेना पड़ा जिससे लागत में काफी बढ़ोत्तरी हो गई। उधर, गन्ना मिलों के प्रतिनिधि किसानों की मांग से सहमत नहीं थे। बैठक में गन्ना शोध परिषद के निदेशक डा. बक्शीराम एवं वैज्ञानिक भी उपस्थित रहे। इस बीच आज ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चीनी मिलों को गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान करने के लिए 6 रुपये प्रति क्विंटल की सहायता 20 नवंबर तक करने की स्वीकृति दे दी गई। गौरतलब है कि वित्तीय राहत देने के लिए सरकार द्वारा 30 सितंबर की अंतिम तारीख निर्धारित की गई थी। 30 सिंतबर तक भुगतान चुकता करने पर भी छह रुपये की सहायता अनुमन्य थी लेकिन अधिकांश मिलें ऐसा नहीं कर सकी। मुख्य सचिव आलोक रंजन के अनुसार किसानों को उनके बकाया का भुगतान तेजी से हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस समय बकाया की राशि मात्र 2500 करोड़ रूपये है, जिसका भुगतान जल्द ही हो जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि नवम्बर के पहले सप्ताह से गन्ना की पेराई का काम भी शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि चीनी मिलें अब 20 नवंबर तक अनुदान लाभ ले सकती हैं। अतिरिक्त अनुदान तीन रुपये प्रति क्विंटल का स्वरूप बदल सकता है। साथ ही मिलों के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस होंगे।

Related Articles

Back to top button