अन्तर्राष्ट्रीय

गर्भपात विरोधी रैली में पहुंचे ट्रंप, चुनाव में मिल सकता है इसका फायदा

एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सीनेट में महाभियोग चल रहा है और दूसरी तरफ ट्रंप नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले ईसाई धर्म समर्थकों के बीच जाकर देश में निकली सबसे बड़ी गर्भपात विरोधी रैली में पहुंच गए। ट्रंप का मकसद किसी भी तरह से लोगों का ध्यान सर्वोच्चतावादी ताकतों को एकजुट बनाए रखना है ताकि चुनाव में उसका फायदा उठाया जा सके। ट्रंप ने नेशनल मॉल में आयोजित 47वें मार्च फॉर लाइफ से जुड़े हजारों गर्भपात विरोधी प्रचारकों को बताया कि व्हाइट हाउस में अजन्मे बच्चों के लिए कभी बचाव नीतियां नहीं बनाई गईं। उन्होंने गर्भपात के अधिकारों का समर्थन करने पर डेमोक्रेट नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए दावा किया कि देश में धार्मिक आजादी पर हमला हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमने धार्मिक आजादी की रक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई की है।

दूसरी तरफ ट्रंप पर अमेरिकी उच्च सदन (सीनेट) में महाभियोग का मुकदमा लड़ा जा रहा है जिसमें विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी लगातार हमलावर रही है। ट्रंप के खिलाफ महाभियोग अभियोजक एडम शिफ ने कहा है कि मौजूदा राष्ट्रपति देश के लिए बहुत ही गलत हैं और उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। ट्रंप को महाभियोग कार्यवाही के बीच रैली में महिलाओं का भरपूर समर्थन मिला।

गर्भपात का समर्थन और विरोध दोनों
दरअसल, ईसाई धार्मिक पुस्तकों में गर्भपात को अनुचित बताया गया है जिसे ट्रंप कानून की शक्ल देना चाहते हैं। कई सर्वोच्चतावादी अमेरिकी इस कानून के समर्थक हैं। कानून में गर्भस्थ शिश में दिल की धड़कन सुनाई पड़ने की स्थिति में गर्भपात पर रोक लग जाएगी।

कानून में सिर्फ दुष्कर्म या मां को जान का जोखिम होने पर ही गर्भपात की इजाजत होगी। इसका देश में विरोध भी हो रहा है।

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