दिल्लीराजनीतिराष्ट्रीय

गांधी परिवार न कभी डरा है और न ही बैकफुट पर आया: दिग्विजय सिंह

दिग्विजय ने कहा कि सीबीआई के प्रेस नोट में बताया गया कि पूरी जांच-पड़ताल अजीत डोभाल के मार्गदर्शन में की गई। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को सीबीआई जांच का अधिकार दे दिया है?

नई दिल्ली: अगस्ता घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले क्रिश्चयन मिशेल के भारत प्रत्यर्पण में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की भूमिका पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल किया है कि क्या एनएसए को सुपर कॉप बना दिया गया है? क्या सीबीआई भी उनके तहत आ गई है। दिग्विजय ने कहा कि गांधी परिवार न कभी डरा है और न ही बैकफुट पर आया है।

क्या एनएसए के अंडर में सीबीआई है?

दिग्विजय ने कहा कि सीबीआई के प्रेस नोट में बताया गया कि पूरी जांच-पड़ताल अजीत डोभाल के मार्गदर्शन में की गई। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को सीबीआई जांच का अधिकार दे दिया है?

इनसे अपेक्षा भी क्या करें

जांच एजेंसियों द्वारा मिशेल पर गांधी परिवार को जानने की बात कबूल करते हुए जबरन साइन कराने की कोशिश और 2019 के चुनावी माहौल में ये मुद्दा उछालने के सवाल पर दिग्विजय ने कहा कि उनसे और अपेक्षा भी क्या की जा सकती है।

तंज में कहा- बाकी को भी लाएंगे

वित्त मंत्री अरुण जेटली के भ्रष्टाचार के मसले पर जीरो टॉलरेंस अपनाने और जल्द ही नीरव मोदी-विजय माल्या को भारत लाने के सवाल पर दिग्विजय ने कहा कि देखते हैं। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि मोदी जी ये अच्छा काम कर रहे हैं। वे बाकी को भी भारत लाएंगे।

मंगलवार रात मिशेल आया था भारत

गौरतलब है कि मंगलवार रात मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कराकर भारत लाया गया। उसे सीधे सीबीआई मुख्यालय ले जाया गया। रातभर मिशेल को सीबीआई हेडक्वार्टर में ही रखा गया। मिशेल के प्रत्यर्पण की पूरी प्रक्रिया को बेहद सीक्रेट तरीके से अंजाम दिया गया। मिशेल को भारत लाने के लिए ऑपरेशन ‘यूनिकॉर्न’ चलाया गया था।

डोभाल के निर्देशन में चला था सीक्रेट मिशन

इस मिशन की बागडोर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के हाथों में थी। इस ऑपरेशन को इंटरपोल और सीआईडी ने मिलकर चलाया। ‘मिशन मिशेल’ को सफल बनाने के लिए डोभाल सीबीआई के प्रभारी निदेशक नागेश्वर राव के संपर्क में थे।

इंटरपोल के नोटिस के बाद दुबई में हुआ था गिरफ्तार

3600 करोड़ के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में मिशेल की भारतीय जांच एजेंसियों को काफी समय से तलाश थी। 57 साल के मिशेल को फरवरी 2017 में दुबई में गिरफ्तार कर लिया था। इंटरपोल ने उसके खिलाफ 25 नवंबर 2015 में रेड नोटिस जारी किया था। दुबई में गिरफ्तारी के बाद 19 मार्च 2017 को भारत ने उसके प्रत्यर्पण करने की मांग की थी।

मिशेल ने यूपीए को दी थी क्लीन चिट

पिछले दिनों इंडिया टुडे ने दुबई की जेल से ही क्रिश्चियन मिशेल का इंटरव्यू किया था, जिसमें उसने अपने पिछले बयान पर कायम रहते हुए कहा था कि इस डील में यूपीए सरकार की लीडरशिप शामिल नहीं थी। मिशेल ने ये भी बताया था कि उसे एक डील साइन करने के लिए कहा गया था जिसमें कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बातें थीं, लेकिन उसने इस डील को ठुकरा दिया।

3600 करोड़ की हुई थी डील

3600 करोड़ के अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में देश के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व पर सवाल उठते रहे हैं। खासतौर पर कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप पर आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, क्रिश्चियन मिशेल हर फोरम पर चॉपर डील में कांग्रेस नेतृत्व के शामिल होने की बात खारिज करता रहा है।

Related Articles

Back to top button