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घाना में महात्मा गांधी को नस्लवादी बताकर छात्रों ने विश्वविद्यालय से हटाई प्रतिमा

घाना के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को छात्रों के विरोध के बाद हटा दिया गया है। इस तरह की शिकायतें की गई थीं कि अश्वेत अफ्रीकी लोगों के खिलाफ गांधी नस्लवादी थे।

भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दोनों देशों के बीच के संबंधों के एक प्रतीक के रूप में दो वर्ष पहले अक्रा में घाना विश्वविद्यालय में वैश्विक शांति के दूत महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया था।

व्याख्याताओं ने हालांकि गांधी के उस कथन का हवाला देते हुए उनकी प्रतिमा को हटाये जाने का आह्वान किया था जिसमें दावा किया गया है कि अश्वेत अफ्रीकी लोगों की तुलना में भारतीय ‘‘श्रेष्ठ’’ हैं। प्रतिमा हटाये जाने के लिए ऑनलाइन विरोध शुरू किया गया था।

छात्रों और व्याख्याताओं ने बताया कि अक्रा में विश्वविद्यालय के लेगोन परिसर में लगी गांधी की प्रतिमा को मंगलवार और बुधवार की रात को हटा दिया गया।

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