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चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान, वरना…

ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण अथवा सूर्यग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया से बचना चाहिए क्योंकि ग्रहण की छाया का बुरा असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ने का डर रहता है।

इसलिए ग्रहण से सबसे ज़्यादा गर्भवती यानी प्रैगनेंट महिलाएं प्रभावित होती हैं। ग्रहणकाल में उन्हें कुछ विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। मान्यता है कि ग्रहण का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है, ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए, ये आज हम आपको बताएंगे। 

1. गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के समय एक नारियल अपने पास रखें। इससे गर्भवती महिला पर वायुमंडल से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं पड़ेगा।

2. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं चाकू, कैंची और सुई का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें। न ही कोई अन्य कार्य करें। ग्रहण से बचने के लिए सिर्फ भगवान की आराधना करें।

3. ग्रहण के दौरान अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।

4. चंद्र ग्रहण के दौरान स्नान नहीं करना चाहिए। ग्रहण ख़त्म होने के बाद या इससे पहले स्नान कर लें।

5. ग्रहण को कभी भी खुली आंख से नहीं देखना चाहिए। इसका आप पर और होने वाले बच्चे की आंख पर बुरा असर पड़ सकता है।

6. बाहरी किरणों को अंदर आने से बचाएं।

7. ग्रहण के दौरान कुछ भी पकाएं नहीं।

8. ग्रहण के समय मंत्रों का जाप किया जा सकता है।

9. ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन आदि करने से से लाभ होता है।

10.  ग्रहण के दौरान प्राणायाम और व्यायाम करना चाहिए, सोच को सकारात्मक रखना चाहिए।

11. चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। गर्भवती को गंगाजल तुलसी के साथ ग्रहण कर लेना चाहिए।

12. ग्रहण ख़त्‍म होने के बाद ज़रूर नहाना चाहिए, क्योंकि ग्रहण की तरंगों के कारण वातावरण दूषित हो जाता है। ग्रहण के दौरान वातावरण में जिन तरंगों का प्रवाह होता है, वह न सिर्फ जीवित बल्कि बेजान वस्तुओं पर भी असर करती हैं।

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