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चलन में नकदी बढ़ी पर आर्थिक गतिविधियां नहीं

एसबीआई की शोध शाखा ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि प्रणाली में नकदी चलन बढ़ा है लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं कि इससे आर्थिक गतिविधियों में भी इजाफा हुआ है। शोध शाखा की ओर से बृहस्पतिवार को जारी नोट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में अर्थशास्त्री प्रणाली में 20.4 लाख करोड़ रुपये की नकदी होने का अनुमान जता रहे हैं। लेकिन नकदी चलन को आर्थिक गतिविधियों का पैमाना नहीं बनाया जा सकता है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अब भी दबाव जारी है। इसी तरह, यात्री वाहन, कार, दोपहिया वाहन और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में भी गिरावट देखी जा रही है। लिहाजा सिर्फ नकदी चलन की संख्या के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ रही हैं। प्रणाली में नकदी का यह चलन नोटबंदी के बाद करंसी की मांग में इजाफे के कारण बढ़ा है।

रिपोर्ट के अनुसार, बड़े राज्यों जैसे महाराष्ट्र, यूपी और कर्नाटक की आय दर राष्ट्रीय दर के अनुपात में कम है जबकि छोटे राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की आय राष्ट्रीय दर से ज्यादा है। यह अनुपात बताता है कि आर्थिक गतिविधियां अभी मंद पड़ी हैं।

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