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जन्माष्टमी पर ‘कान्हा’ को धनिये की पंजीरी सेे करें प्रसन्न


ज्योतिष डेस्क : भाद्रपद माह में कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसके बाद इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन बालगोपाल की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आमतौर पर कहा जाता है कि कोई भी व्रत बिना प्रसाद बांटे पूरा नहीं होता। लोग प्रसाद में अक्सर आटे की पंजीरी बनाते हैं और धनिए की पंजीरी का जन्माष्टमी के व्रत में बहुत बड़ा महत्व समझा जाता है।

कृष्ण जन्माष्टमी पर लोग अपने घरों में सुख, शांति बनाए रखने के लिए धनिए की पंजीरी बनाते हैं। इस पंजीरी को बनाने के लिए आटे की जगह धनिए का इस्तेमाल किया जाता है। लोग इस पंजीरी के साथ अपना व्रत खोलते हैं-
सामग्री
100 ग्राम धनिया पाउडर
3 चम्मच देसी घी
1 चम्मच चिरौंजी
1/2 कप मखाना
1/2 कप चीनी
10 से 12 बादाम
10 से 12 काजू
बनाने की विधि : सबसे पहले एक कढ़ाई में घी गर्म करें। इसके बाद कढ़ाई में धनिया पाउडर मिलाकर अच्छी तरह से भून लें। धनिया पाउडर भूनने के बाद इसमें बारिक टुकड़ों में मखानों को काटकर भूनें। इसके बाद उन्हें दरदरा पीस लें। इसके बाद सभी मेवों को इसमें मिला दें। आपकी पंजीरी तैयार है। इस धनिए की पंजीरी से भगवान को भोग लगाने के बाद आप इसे प्रसाद के रूप में लोगों को बांटने के बाद खुद भी ग्रहण कर सकते हैं।

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