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जम्मू-कश्मीर में बुरहान वानी का दोस्त और 12 लाख का इनामी ढेर


श्रीनगर : सुरक्षाबलों का आतंकियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन जारी है। इसी कार्रवाई के तहत शनिवार को यारीपोरा (कुलगाम) मुठभेड़ में अलबदर का चीफ कमांडर जीनत उल इस्लाम का मारा गया, यह कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई में वर्ष 2019 की पहली बड़ी कामयाबी है। आतंकी जीनत IED बनाने में माहिर था और दर्जनों आतंकी वारदातों में वांछित भी था। आतंकी जीनत की मौत सिर्फ अलबदर के लिए ही नहीं बल्कि दक्षिण कश्मीर में सक्रिय लश्कर, जैश और हिज्ब के आतंकियों के लिए भी बड़ा झटका है। हालांकि वह आतंकी गतिविधियों में करीब डेढ़ दशक से सक्रिय था, लेकिन शुरू में वह हिज्ब, लश्कर व अलबदर के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर सक्रिय था। 2007 के अंत में वह अलबदर का सक्रिय आतंकी बना था। जीनत के पिता गुलाम हसन शाह ने बताया कि शनिवार शाम को एक सैन्याधिकारी ने फोन कर कहा कि मैं अपने बेटे को फोन कर सरेंडर के लिए मनाऊं। लेकिन मैंने कहा कि हमारा उसके साथ संपर्क नहीं है। करीब आठ बजे मुझे दोबारा फोन आया और संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जीनत और उसका एक साथी मुठभेड़ में मारे गए हैं। शनिवार को सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए।

मारे गए आतंकियों की पहचान अलबदर का चीफ कमांडर जीनत उल इस्लाम और शकील अहमद डार है, जिसने कुछ दिन पहले ही हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर रियाज नायकू से मतभेदों के चलते हिजबुल को छोड़ दिया था। ये दोनों A++ केटेगरी के आतंकी थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के काटपुरा इलाके में आतंकियों की सूचना मिलने पर शनिवार शाम को सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकी मारे गए। अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है।

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