अद्धयात्म

जानिए आखिर कितने साल तक रत्न बना रहता है फलदायी

शास्त्र के अनुसार रत्न का विषेश महत्व माना गया है। इसके माध्यम से मानव जीवन में चल रही कई सारी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। इंसान के जीवन में कुछ समस्या ऐसी होती है, जिनका समाधान वह नहीं निकाल पाता। ऐसे में उन समस्याओं का समाधान रत्न के माध्यम से किया जा सकता हैं। आज हम आपसे कुछ इसी सिलसिले पर चर्चा करने वाले हैं। यहां पर हम जानेंगे कि इंसान को कितने समय तक रत्न को धारण करना चाहिए?जानिए आखिर कितने साल तक रत्न बना रहता है फलदायी

किस रत्न को कितने समय तक पहनें- मोती लगभग दो वर्षों तक सही काम करता है, इसके बाद वह प्रभावहीन हो जाता है। मूंगा तीन से चार साल तक ठीक काम करता है। माणिक्य पांच साल से सात साल तक प्रभावशाली होता है। पन्ना लगभग पांच साल तक काम करता है। पीला पुखराज, हीरा और नीलम दस साल से ज्यादा समय तक प्रभावशाली रहते हैं। गोमेद और लहसुनिया ढाई से तीन साल तक ठीक काम करता है।

कितने वजन का रत्न पहनें – रत्न पहनते समय ग्रहों की स्थिति और आवश्यकता को देखना चाहिए। इसके बाद ही रत्नों के वजन का अनुमान लगाया जा सकता है। रत्नों का वजन ग्रहों के अंश के आधार पर करें। व्यक्ति के वजन के आधार पर नहीं। किसी रत्न कि राशि की ज्यादा आवश्यकता है तो बड़ा रत्न पहनना चाहिए, कम आवश्यकता है तो छोटा रत्न धारण करें।

कब काम नहीं करता रत्न – रत्नों की एक ऊर्जा होती है, जो शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती है लेकिन कुछ समय बाद उस रत्न की ऊर्जा शरीर के साथ मिल जाती है। तब वो रत्न शरीर के लिए प्रभावहीन हो जाता है। ऐसी दशा में रत्न या तो बदल देना चाहिए या रत्नों को दोबारा ऊर्जावान कर लेना चाहिए।

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