अद्धयात्म

जानिए शरद पूर्णिमा का महत्व, पूजा करते समय बरतें ये सावधानियां

शरद ऋतु की पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि है. इसी तिथि से शरद ऋतु का आरम्भ होता है. चंद्रमा इस दिन संपूर्ण सोलह कलाओं से युक्त होता है. इस दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है, जो धन, प्रेम और स्वास्थ्य तीनों देती है.

जानिए शरद पूर्णिमा का महत्व, पूजा करते समय बरतें ये सावधानियांप्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था. इस दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन स्वास्थ्य, अपार प्रेम और खूब सारा धन पाया जा सकता है. पर प्रयोगों के लिए कुछ सावधानियों और नियमों के पालन की आवश्यकता है

शरद पूर्णिमा पर किन सावधानियों के पालन की आवश्यकता है?

– इस दिन पूर्ण रूप से जल और फल ग्रहण करके उपवास रखने का प्रयास करें.

– उपवास रखें या न रखें, लेकिन इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करें तो ज्यादा बेहतर होगा.

– शरीर के शुद्ध और खाली रहने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से अमृत की प्राप्ति कर पाएंगे.

– इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें.

– चमकदार सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा.

प्रसाद रखने का वैज्ञान‍िक कारण-

शरद पू्र्णिमा की रात को खुले आसमान के नीचे प्रसाद बनाकर रखने का वैज्ञान‍िक कारण भी है. यह वो समय होता है जब मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा होता है. शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा धरती के बहुत करीब होता है. ऐसे में चंद्रमा से न‍िकलने वाली कि‍रणों में मौजूद रासायनिक तत्व सीधे-सीधे धरती पर आकर ग‍िरते हैं, ज‍िससे इस रात रखे गए प्रसाद में चंद्रमा से न‍िकले लवण व विटामिन जैसे पोषक तत्‍व समाह‍ित हो जाते हैं.

ये स्‍वास्‍थ्‍य के ल‍िए बहुत फायदेमंद हैं. ऐसे में इस प्रसाद को दूसरे द‍िन खाली पेट ग्रहण करने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है. सांस संबंधी बीमार‍ियों में लाभ म‍िलता है. मान‍िसक पेरशान‍ियां दूर होती हैं.

अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस दिन क्या प्रयोग करें?

– रात्री के समय स्नान करके गाय के दूध में घी मिलाकर खीर बनाएं.

– खीर भगवान को अर्पित करके विधिवत भगवान कृष्ण की पूजा करें.

– मध्य रात्री में जब चंद्रमा पूर्ण रूप से उदित हो जाए, तब चंद्र देव की उपासना करके खीर को चंद्रमा की रौशनी में रख दें.

– खीर को कांच, मिट्टी या चांदी के पात्र में ही रखें.

– प्रातः काल जितनी जल्दी इस खीर का सेवन करें उतना ही उत्तम होगा.

– सबसे उत्तम है कि इस खीर का सेवन भोर में सूर्योदय के पूर्व करें.

प्रेम में सफलता के लिए इस दिन क्या प्रयोग करें?

– शाम के समय भगवान राधा-कृष्ण की उपासना करें.

– दोनों को संयुक्त रूप से एक गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें.

– मध्य रात्रि को सफ़ेद वस्त्र धारण करके चंद्रमा को अर्घ्य दें.

– इसके बाद निम्न मंत्र का कम से कम 3 माला जाप करें -“ॐ राधावल्लभाय नमः”

– मधुराष्टक का कम से कम 3 बार पाठ करें.

अपार धन की प्राप्ति के लिए इस दिन क्या प्रयोग करें?

– रात्री के समय मां लक्ष्मी के समक्ष घी का दीपक जलाएं.

– इसके बाद उन्हें गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें.

– सफ़ेद मिठाई और गुलाब का इत्र भी अर्पित करें.

– इसके बाद निम्न मंत्र का कम से कम 11 माला जाप करें.

– “ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महलक्ष्मये नमः”

– अर्पित किए हुए इत्र को रोज प्रातः स्नान के बाद लगाएं.

– आपको धन का अभाव नहीं होगा.

किसी बड़े संकट को टालने के लिए क्या प्रयोग करें?

– रात्रि के समय हलके गुनगुने पानी में चंदन का पावडर डालें.

– इस जल से स्नान करें और स्नान के बाद सफ़ेद वस्त्र धारण करें.

– चन्द्रमा को जल में सफ़ेद फूल डालकर अर्घ्य दें.

– इसके बाद कमलगट्टे या मोती की माला से “ॐ चं चंद्राय नमः” का 11 माला जाप करें.

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